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रांची/डेस्क: शिवभक्तों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया हैं. करीब छह साल के लंबे अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर शुरू हो गई हैं. 30 जून यानी आज से यह पवित्र यात्रा फिर से चालू हो गई है, जिससे लाखों श्रद्धालुओं की आस पूरी हुई हैं. पहले कोरोना महामारी और फिर भारत-चीन सीमा पर गलवान संघर्ष के चलते यह यात्रा बंद कर दी गई थी, लेकिन इस बार संबंधों में सुधार के साथ ही तीर्थयात्रियों को हरी झंडी दे दी गई हैं.
कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखती हैं. यह यात्रा चीन के तिब्बत क्षेत्र में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक पहुंचती है, जिसे भगवान शिव का निवास माना जाता हैं.
क्यों है कैलाश मानसरोवर इतना खास?
मान्यता है कि मानसरोवर ब्रह्मा के मन से उत्पन्न हुआ हैं. यहीं से सरयू, सतलुज, सिंधु और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख नदियों का उद्गम होता हैं. समुद्र तल से करीब 15,100 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मीठे पानी की झील अपनी पवित्रता और सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं.
कैसे जाएं मानसरोवर? जानिए रूट और खर्च
विदेश मंत्रालय इस यात्रा का आयोजन हर साल जून से सितंबर तक करता है और इसके दो रूट हैं:
लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड)
कुल बैच: 5
अवधि: लगभग 22 दिन
प्रति यात्री अनुमानित खर्च: ₹1.74 लाख
नाथू ला दर्रा (सिक्किम)
कुल बैच: 10
अवधि: लगभग 21 दिन
प्रति यात्री अनुमानित खर्च: ₹2.83 लाख
कौन कर सकता है आवेदन?
- भारतीय नागरिक जिनके पास वैध पासपोर्ट हो (कम से कम 6 महीने की वैधता जरूरी)
- उम्र: 18 से 70 वर्ष के बीच
- बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 या उससे कम
- शारीरिक और चिकित्सकीय रूप से पूरी तरह फिट
- विदेशी नागरिकों को अनुमति नहीं है
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
- इच्छुक यात्री (http://kmy.gov.in) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
- आवेदन के साथ पासपोर्ट साइज फोटो और पासपोर्ट की स्कैन कॉपी अनिवार्य हैं.
- कैसे होता है चयन?
- कंप्यूटर ड्रा के जरिए चयन किया जाता हैं.
- चुने गए यात्रियों को ईमेल या मोबाइल पर सूचना दी जाती हैं.
चयन के बाद किन दस्तावेज़ों की होगी जरूरत?
मूल पासपोर्ट
6 पासपोर्ट साइज फोटो
₹100 के स्टांप पेपर पर इंदेम्निटी बॉन्ड (प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट/नोटरी से सत्यापित)
हेलिकॉप्टर सेवा की सहमति का पत्र
मृत्यु की स्थिति में अंतिम संस्कार के लिए सहमति पत्र