न्यूज11 भारत
भारत/डेस्कः- एआई का प्रयोग दिनप्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, अब एआई के जरिए कई कामों को किया जा रहा है, सबसे बड़ी बात ये है कि भारत में एआई को अब भविष्य के रुप में देखा जाने लगा है. हाल के ही एक रिपोर्ट में देखा गया है कि किस तरीके से भारत में युवाओं का रुझान एआई एजुकेशन के तरफ बढ़ा है. आइए जानते हैं कि कैसे लोग एआई के तरफ अपना रुझान बढ़ाया है.
कोर्सेरा की 2025 की एक रिपोर्ट के अनुसार एक 26 लाख भारतीयों ने जेएनआई के एआई कोर्स में रजिस्टर किया गया है. इस डेटा में पिछले सालों के मुकाबले 107 प्रतिशत का उछाल आया है. वहीं स्कील प्रोफिशिएंसी में भारत 109 मे से 89 स्थान पर है. एक रिपोर्ट के अनुसार युरोप को पीछे छोड़ते हुए अपने लर्नर्स बेस को 3 करोड़ यूजर्स तक बढ़ाया है. जेन एआई पर सीखने वाले भारतीयों में मात्र 30 प्रतिशत महिलाएं हैं. वहीं बाकि देशों में ये आंकडा औसतन 40 फीसदी है.
एनरोल करने वाले लोगों पर नजर डाला जाए तो 18 प्रतिशत का फोकस बिजनेश, 22 प्रतिशत का टेक्नोलॉजी व 20 प्रतिशत का डेटा साइंस पर है. छात्रों की बात करें तो देश भर में सेकेंड्री लेवल के कुल 7,90,999 व सीनियर सेकेंडरी के कुल 50,343 छात्र 2024-25 में एआई कोर्सेज को एनरोल किया हुआ है. देश के 29 हजार स्कूल्स में एआई कोर्सेज के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बना हुआ है, ये डेटा लोकसभा में पेश किया गया है.
खुली नई जॉब ओपनिंग
फाउंडइट प्लेटफार्म की एक रिसर्च के अनुसार पिछले एक साल में किसी भी प्लेटफार्म पर एआई व मशीन लर्निंग से जुड़े कोर्सेज में एनरोल करने वाले लोगों में पचास फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. ऐसे लोगों के लिए मार्केट में 12 फीसदी नई जॉब ओपनिंग्स हुई है.