आशीष शास्त्री / न्यूज11 भारत
सिमडेगा/डेस्कः लोकसभा चुनाव बिगुल कभी भी फूंका जा सकता है. दूसरी तरफ जंगलों पहाड़ों से भरे सिमडेगा जिला के सभी पुराने थानेदारों का तबादला हो गया है. अब नए थानेदारों के साथ चुनाव करना एक टेड़ी खीर बन सकती है.
जंगलों पहाड़ों से भरा सिमडेगा जिला जहां कभी नक्सलियों की तूती बोलती थी. समय के साथ नक्सल के लाल आतंक का स्याह तो उतर गया. लेकिन अब भी कभी कभी नक्सल गतिविधि जिले को उनके होने का आभास कराती रहती है. अभी चुनावी मौसम शुरू होने वाला है. किसी भी समय निर्वाचन आयोग के द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 के शंख फूंके जा सकते हैं. ऐसे समय सिमडेगा जिला के सभी थानेदारों का एक साथ तबादला हो गया. इनके जगह जिले में नए आए इंस्पेक्टर और एसआई को एसपी ने शनिवार को ही जिले के थानों में पदस्थापित किया है. सिमडेगा के दुरूह जंगलों और संवेदनशील जगहों की कठिनाइयों से नए पदस्थापित सभी थानेदार अनजान हैं. सिमडेगा एसपी सौरभ भी नए पदस्थापित थानेदार के अपने थाना क्षेत्र को समझने में समय लगने की बात से इतिफाक रखते है. हालांकि उन्होंने कहा कि सभी नव पदस्थापित थानेदार भी सारी ट्रेनिग किए हुए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव अच्छे से होने की उम्मीद है.
बता दें, लोकसभा चुनाव के लिए सिमडेगा में 586 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिसमे कई मतदान केंद्र सिमडेगा के दुर्गम और क्रिटिकल स्थानों पर हैं. इसपर सिमडेगा की भागौलिक स्थिति भी इसे और दुश्वार बनाती है. सिमडेगा जिले के पूर्वी इलाके में सारंडा के घने जंगल हैं जहां आज भी नक्सल का बसेरा है. सिमडेगा के दक्षिण-पश्चिम की तरफ ओडिशा राज्य का बड़ा हिस्सा लगता है. जहां के अपराधी अक्सर सिमडेगा में घुसकर घटनाओं को अंजाम देते हैं. सिमडेगा के पश्चिम की तरफ छत्तीसगढ़ का इलाका है. जहां से अपराधी गतिविधि होती रहती है. नए थानेदारों के लिए इन सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में चुनाव करवाना किसी चुनौती से कम नहीं होगी. हालांकि एसपी ने कहा कि चुनाव के पूर्व ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ समंजस स्थापित किया जाएगा. साथ ही दुरूह क्षेत्र के अनुरूप वहां सुरक्षा बल लगाए जाएंगे.
चुनाव के दौरान चुनौती तो होगी, लेकिन पुलिस कृत संकल्पित है फेयर इलेक्शन करवाने के लिए. हमारी भी कामना है कि जिले में स्वच्छ और सुरक्षित चुनाव हो सकें. जिससे यहां भी हर तरफ लोकतंत्र के महापर्व पर लोकतंत्र की जय जयकार हो सकें.