संतोष श्रीवास्तव/न्यूज़11 भारत
पलामू/डेस्क: झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता एवं विगत 32 वर्षों से सक्रिय सदस्य, श्री संजीव कुमार तिवारी (डालटनगंज) ने आज एक भावुक बयान जारी करते हुए यह जानकारी दी कि झारखंड के गठन के आंदोलन के महान योद्धा, विचारक और मार्गदर्शक गुरुजी अब हमारे बीच नहीं रहे. यह समाचार न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए बल्कि पूरे झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है.
श्री तिवारी ने कहा: "गुरुजी केवल एक राजनीतिक नेता नहीं थे, बल्कि वे झारखंड के स्वाभिमान, संघर्ष और स्वराज की पहचान थे. जब झारखंड अलग राज्य नहीं बना था, तब हमनें उनके नेतृत्व में संघर्ष की अनगिनत रातें और रणनीतियां साझा कीं. मैंने व्यक्तिगत रूप से उनसे मार्गदर्शन प्राप्त किया और कई मौकों पर उनके साथ झारखंड आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा. यह तस्वीर जो आज से 27 वर्ष पूर्व मेरे आवास डालटनगंज की है, मेरे लिए एक अनमोल धरोहर है. यह साक्ष्य है उस आत्मीय संबंध और उस युग की राजनीतिक चेतना का, जब हर आंदोलन झारखंड के अस्तित्व के लिए लड़ा जा रहा था."
गुरुजी के निधन से झारखंड ने एक ऐसा सपूत खो दिया है, जिसने हमेशा जनजातीय समाज, वंचित वर्गों और श्रमिकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई. उनकी राजनीतिक दूरदर्शिता, जमीन से जुड़ाव और सामाजिक समर्पण, आज भी JMM के हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.
श्री तिवारी ने अंत में कहा कि, "हम सभी कार्यकर्ता आज उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लेते हैं और झारखंड को एक समावेशी, न्यायपूर्ण और स्वाभिमानी राज्य बनाने के उनके सपने को आगे बढ़ाते रहेंगे. गुरुजी का निधन केवल एक व्यक्ति की नहीं, एक विचार की क्षति है."
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