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रांची/डेस्क: गुजरात के वडोदरा और आणंद जिले को जोड़ने वाले पुल का एक हिस्सा बुधवार सुबह पादरा कस्बे के पास गंभीरा गांव में ढह गया. हादसे के वक्त कई वाहन महिसागर नदी में गिर गए, जिसमें अब तक 17 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. मृतकों में एक ही परिवार के कई सदस्य शामिल हैं. अभी भी 3 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है.
सर्च ऑपरेशन जारी
वडोदरा के जिलाधिकारी अनिल धमेलिया ने बताया कि लापता लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों द्वारा सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. भारी बारिश और नदी में दलदल की वजह से राहत कार्य में काफी परेशानी हो रही है. अब तक पांच घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिनकी हालत स्थिर बताई गई है.
चार इंजीनियर सस्पेंड
गुजरात सरकार ने हादसे के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए राज्य के सड़क और भवन विभाग के चार इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को इस कार्रवाई का आदेश दिया, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही को रोका जा सके.
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
गुजरात में यह पहला पुल हादसा नहीं है. 2021 से अब तक राज्य में छह बड़े पुल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. सबसे भयावह हादसा अक्टूबर 2022 में मोरबी में हुआ था, जब झूला पुल गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद से सरकार ने पुलों की सुरक्षा को लेकर सख्ती दिखाई है, लेकिन हालिया हादसा दर्शाता है कि स्थिति अब भी चिंताजनक है.
पुराना वीडियो हो रहा वायरल
इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर तीन साल पुराना एक ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता लखन दरबार एक अधिकारी से पुल की मरम्मत या नए पुल की मांग करते हुए सुनाई दे रहे हैं. दरबार ने यह भी बताया कि जिला पंचायत सदस्य हर्षदसिंह परमार ने भी पुल की जर्जर स्थिति को लेकर विभाग को पत्र लिखा था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.