कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर मामला, घटना के खिलाफ चिकित्सकों का रोष जारी
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: धरती के भगवान माने जाने वाले डाक्टर साहब लोग सामूहिक हड़ताल पर हैं. अगर झारखंड के बात करें तो राज्य भर के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. सरकारी अस्पताल में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सेवायें पूरी तरह से प्रभावित हैं. लेकिन डाक्टर्स की इस ह़ड़ताल के कारण जहां एक तरफ राज्य के डाक्टरों का मन भारी है..असुरक्षित है. वहीं मरीजों की खासकर गरीब मरीजों की जान खतरे में है. सरकारी अस्पतालों में अधिकांश इलाज कराने पहुंचने वाले लोग गरीब तबके और मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं. ऐसे में केवल इमरजेंसी सेवाएं दी जा रही हैं जबिक जो लोग पहले से भर्ती हैं. उनके इलाज में पूरी तरह लापरवाही का आलम है. कोलकाता में महिला डाक्टर्स से रेप और हत्या से जुड़े मामले को लेकर यह हड़ताल और मांगे चल रही हैं. अभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हड़ताल चल रही है जिसमें डॉक्टर, इंटर्न, स्टूडेंट डाक्टर शामिल हैं. डाक्टरों के धरना प्रदर्शन और हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवायें बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं. इमरजेंसी में मरीजों का इलाज चल रहा लेकिन मांग न माने जाने पर इंमरजेंसी की सेवाएं भी ठप करने की चेतावनी डाक्टर्स ने दे दी है.
IMA ने की कल देशव्यापी हड़ताल की घोषणा
शनिवार सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 तक के लिए IMA ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. ऐसे में IMA से जुड़े देशभर के डाक्टर्स चाहे सरकारी असप्ताल के डाक्टर हों या निजी अस्पतालों के अथवा डायगनॉस्टिक्स से जुड़े डाक्टर्स हों वह सभी हड़ताल पर रहेंगे. ऐसे में पूरे देश में स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी प्रभाव पड़ेगा. IMA के स्टेट अध्यक्ष ने कहा है कि डाक्टर्स नहीं चाहते किसी भी तरह के हड़ताल पर जाना लेकिन सरकार उनकी सुन ही नहीं रही है.
कोलकाता कांड की जांच CBI के हाथ
डाक्टरों की मांग थी कि कोलकाता में महिला डाक्टर्स से रेप और हत्या से जुड़े मामले की जांच CBI से करायी जाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए. कोलकाता हाईकोर्ट ने इस कांड की जांच CBI से कराने के आदेश दिए हैं. इसके बावजूद भी डाक्टर्स अन्य मांगों को लेकर अब अड़ गए हैं. मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट समेत कई अन्य मांगों के साथ हड़ताल पर जाने से राज्य में इलाज की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. जूनियर डाक्टर, सहायक , चपरासी तक हड़ताल का फायदा उठाते नजर आ रहे हैं. राज्य के करीब 7 मेडिकल कॉलेज में कामकाज पूरी तरह प्रभावित है. ओपीडी सेवा पूरी तरह प्रभावित है और हड़ताल के कारण सर्जरी भी रुक गयी है.
हजारीबाग में एक सीनियर डॉक्टर पर हमला
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक बार फिर एक डॉक्टर पर हमला हो गया. .इमरजेंसी में सेवा दे रहे असिस्टेंट प्रोफेसर पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया. लोगो का आरोप था कि ईमरजेंसी में उनके मरीज की हालात बिगड़ रही है लेकिन सुधार करने वाला कोई नहीं है. धरना दे रहे डॉक्टरों ने उन्हें बचाया.घायल डॉक्टर का इलाज इमरजेंसी में चल रहा है.हमले के बाद सभी डॉक्टर गुस्से में दिखे साथ ही सभी डॉक्टर, इंटर्न और स्टूडेंट धरने पर बैठ गये.इमरजेंसी सेवा भी बाधित कर दी गयी.डॉक्टरों ने कहा कि जब हम सुरक्षित नहीं रहेंगे तो फिर किसका इलाज करेंगे.इस दौरान जहां पहले से डॉक्टरों का गुस्सा बंगाल की घटना पर था अब ये गुस्सा अपने डाक्टर पर हमले के बाद फिर से तेज हो गया है.
दुमका
राज्य की उप राजधानी दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ओपीडी सेवायें पूरी तरह ठप हैं.डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं और सरकार से न्याय देने की मांग कर रहे हैं.इस दौरान बड़ी संख्या में महिला डॉक्टर और नर्सें भी धरने में बैठ गईं. इस दौरान ये स्लोगन लिखा गया कि वी आर लिविंग इन रेप पब्लिक.महिला डॉक्टर इस दौरान विशेष रूप से डरी नजर आईं. उन्होंने कहा कि अब हर समय डर लगता है.
जमशेदपुर
जमशेदपुर के डॉक्टरों में भी उबाल है.एमजीएम में इमरजेंसी छोड़कर सभी विभागों को डॉक्टर्स ने बंद करा दिया है.इस दौरान मरीज परेशान दिखे...डॉक्टरों ने कहा कि सरकार ट्रांसपरेंसी के साथ इस घटना की जांच करे और दोषियों पर कारवाई करे.