अरुण कुमार यादव/न्यूज़11 भारत
गढ़वा/डेस्क: गढ़वा उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने सभी तीनों अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में अल्ट्रासाउंड केंद्रों की जांच का निर्देश दिया है, जिसके आलोक में सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने शहर के तीन अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर औचक जांच की. इस औचक जांच के क्रम में सभी में प्रथम दृष्टया विसंगति मिली. इसलिए विषय की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्होंने इन सभी केंद्रों को एहतियात के तौर पर अगले आदेश तक बंद करने का निर्देश दिया. उन्होंने इन सभी केंद्रों में ताला डलवाते हुए केंद्र के संचालकों से यह अंडरटेकन लिया कि वह सिविल सर्जन या उनके द्वारा गठित टीम के स्तर से जांच हो जाने के बाद और क्लीन चिट मिलने के बाद ही इन केंद्रों को खोलेंगे.
टाउन हॉल मैदान के पास अवस्थित झारखंड अल्ट्रासाउंड सेंटर में जांच के क्रम में पता चला कि यहां कोई डॉक्टर अभिषेक कुमार अल्ट्रासाउंड सेवाओं के लिए संबद्ध हैं, किंतु जानकारी लगी कि वे पिछले 6-7 महीने से यहां नहीं आए हैं, इसके बावजूद भी वहां अल्ट्रासाउंड का काम बदस्तूर जारी था, जब वहां रजिस्टर चेक किए गए तो अद्यतन तिथि तक अपडेट मिला. रजिस्टर भी दो किस्म के पाए गए. मौके पर 12वीं पास युवक व युवती मिले. मामला संदिग्ध लगने पर सिविल सर्जन को जानकारी देते हुए इस केंद्र को एहतियातन बंद कराते हुए चाबी मौके पर मौजूद रविकांत दुबे को दे दी गई.
चंद्रिका हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर कचहरी रोड के अल्ट्रासाउंड केंद्र के औचक निरीक्षण के क्रम में प्रबंधक अयूब अंसारी ने बताया कि वे सिर्फ मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड करते हैं, बाहरी लोग उनके यहां नहीं आते हैं, उन्होंने बताया कि डॉक्टर कादिर परवेज उनके यहां अल्ट्रासाउंड करते हैं, जबकि डॉक्टर कादिर से बात करने पर पता चला कि वे 8-10 लोगों का अल्ट्रासाउंड ही इस महीने में किए हैं. इन आठ लोगों की विवरणी भी अल्ट्रासाउंड केंद्र देने में असफल रहा. इतना ही नहीं जानकारी मिली है कि डॉक्टर कादिर ने इस केंद्र से अपनी संबद्धता रद्द करने के लिए सिविल सर्जन को पहले ही आवेदन दिया हुआ है, ऐसी संदिग्ध स्थिति में मामले को गंभीर समझते हुए एहतियात के तौर पर इस केंद्र में भी सिविल सर्जन के स्तर से जांच होने तक के लिए ताला डलवाते हुए चाबी उक्त अयूब अंसारी को ही अंडरटेकन के साथ दे दी गई.
नवादा मोड़ के पास स्थित एमजीएम अस्पताल के अल्ट्रासाउंड केंद्र की भी जांच की गई. जांच के क्रम में ज्ञात हुआ कि यहां भी डॉक्टर परवेज ही अल्ट्रासाउंड करते हैं किंतु डॉक्टर परवेज ने फोन पर एसडीएम को बताया कि वे हफ्ता 15 दिन में ही यहां आते हैं. हालांकि रजिस्टर में एसडीएम को 25 जुलाई तक लगातार अल्ट्रासाउंड होने का विवरण पाया गया, पूछताछ के क्रम में अस्पताल संचालक ने सीधे-सीधे बता दिया कि वे डॉक्टर की बजाय अपने किसी टेक्नीशियन से ही अल्ट्रासाउंड करवाते हैं जिसे अस्वीकार्य और संदिग्ध मानते हुए एसडीएम में उक्त केंद्र को भी जांच होने तक अंतिम रूप से बंद करवा दिया.
संजयकुमार ने अनुमंडल क्षेत्र के अन्य अल्ट्रासाउंड केंद्रों के संचालकों से भी अपील की है कि लोगों का स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण विषय है, इसलिए बिना प्रशिक्षित चिकित्सक और मानकों को पूरा किये अल्ट्रासाउंड सेवाएं संचालित नहीं करेंं, अगर मानक नहीं पूरा करते हैं तो ऐसे केंद्र स्वयं बंद कर लें या फिर योग्य चिकित्सकों को अपने यहां प्रतिनियुक्त कर लें. अन्यथा जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले दोषियों पर जिला प्रशासन विधिक कार्रवाई करने में जरा भी नहीं हिचकेगा.