न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: पुलिस पर हमला करने के मामले में पूर्व नक्सली कुन्दन पाहन साक्ष्य के अभाव में बरी हुआ हैं. अपर न्याययुक्त संजीव झा की कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में कुन्दन पाहन को बरी किया. अभियोजन पक्ष की ओर से 2 गवाह पेश किए गए थे.वही कुंदन पाहन की ओर से अधिवक्ता ईश्वर दयाल ने पक्ष रखा था.
घटना 24 अक्टूबर 2009 की है. इस दिन पुलिस को सूचना मिली थी कि जोन्हा फॉल के पास उग्रवादी दस्ता के लोग किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले है. जिसकी सूचना पर मूरी ओपी प्रभारी और अनगड़ा थाना प्रभारी छापामारी करने पहुंच रहे थे. तभी पुलिस की गाड़ी से उग्रवादी दस्ता की गाड़ी टकरा गई थी. पुलिस बल को देख नक्सली भागने लगे.
तभी पुलिस और नक्सली दोनों तरफ से फायरिंग हुई. जिसके बाद पुलिस ने मौके से विस्फोटक सामान और हथियार बरामद किया था. मामले में कई नक्सली पूर्व में ही बरी हो चुके थे. कुंदन पाहन 14 मई 2017 से जेल में बंद है. झारखंड पुलिस के समक्ष खुद को सरेंडर किया था. अपहरण, लुट, हत्याकांड जैसे 100 से अधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज है. बुंडू, तमाड़ और अड़की के इलाकों में कुंदन पाहन का आतंक सिर चढ़कर बोलता था. 17 करोड़ कैश लूटकांड समेत कई मामलों में कुंदन पाहन बरी चुके है.