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रांची/डेस्क: झारखंड के लिए यह एक युग का अंत हैं. दिशोम गुरु और राज्य के निर्माता शिबू सोरेन के निधन से पूरा झारखंड शोक में डूब गया हैं. ऐसे में अशोका होटल के पूर्व कर्मचारी पंकज धरोहर ने गुरूजी को याद करते हुए उनके ऊपर एक कविता लिखी हैं.
उन्होंने कहा "पूर्व में मेरे द्वारा लिखित "शिबू पुराण" की कुछ और पंक्तियां जो हमारे दिलों पर राज करने वाले दिवंगत शिबू सोरेन जी को पुनः समर्पित कर रहा हूं.."
छिड़ी लड़ाई महाजनों से
अलग राज्य की मांग उठी
"लड़के लेंगे झारखंड"
यह बात दिलों में जा पहुंची
वो.. टुंडी का पहला प्रदर्शन
हुआ शिबू शक्ति का दर्शन
देख प्रशाशन गया सिहर
आंदोलन की नई लहर
पोखरिया आश्रम से जिसने
फैलाया जन में भूचाल
दिशोम गुरु, तेरा कमाल
शत नमन तुझे.. नेमरा के लाल।।
शिबूचरण लाल से शिबू
फिर शिबू से बने.. गुरु दिशोम
नए जंग का सूत्रधार
यह झारखंड का रचनाकार
घर खाटRsलाठ, छोड़ा यह ठाठ
पढ़ा दिया.. हिम्मत का पाठ
झारखंड के इस नायक ने
भरा एक में ताकत आठ
पोखरिया आश्रम से जिसने
फैलाया जन में भूचाल
दिशोम गुरु, तेरा कमाल
शत नमन तुझे..नेमरा के लाल।।
पारसनाथ की पहाड़ियों से
छुपRsछुप कर करते थे वार
पुलिस खोजती फिरती थी
हो जाते थे गुरु फरार
एसRs4 का गठन किया
नई दिशा दी, नई बयार
लड़ी लड़ाई परिवर्तन की
नशाखोरी पे किया प्रहार
पोखरिया आश्रम से जिसने
फैलाया जन में भूचाल
दिशोम गुरु, तेरा कमाल
शत नमन तुझे.. नेमरा के लाल।।
कवि: पंकज धरोहर