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रांची/डेस्क: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ बड़ा खेला हो गया है. बिहार में पूर्व मंत्री और छह बार के विधायक रहे अशोक राम ने कांग्रेस का दामन छोड़कर जदयू में शामिल हो गये हैं. अशोक राम ने कांग्रेस पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी को बाय-बाय किया है. अशोक राम का कांग्रेस छोड़ना छोटी घटना नहीं है, क्योंकि वह दलितों के बड़े नेता माने जाते हैं. वहीं दलितों के साथ हमेशा खड़े रहने वाले अशोक राम का जदयू में शामिल होने नीतीश कुमार की पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. अशोक राम के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और छह बार के विधायक रहे चुके हैं.
जेडीयू में शामिल होने के बाद अशोक राम ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी भी दी है. सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कांग्रेस अब बदल गयी है. वहां अब उनके जैसे नेताओं की कद्र नहीं है. बता दें कि कांग्रेस छोड़ने के बाद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा भी इस मौके पर उपस्थित थे.
राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री रहे अशोक राम ने जदयू की सदस्यता ग्रहण करते हुए कहा कि वह नीतीश कुमार के काम से प्रभावित होकर यहां आये हैं. बिहार को नीतीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री की जरूरत है. अशोक राम ‘2025 में फिर से नीतीश’ के नारे को हकीकत बताया.
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