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रांची/डेस्क: आज दिनांक 30 जुलाई 2025 को फारेस्ट एंड टिम्बर उप समिति की बैठक चैम्बर अध्यक्ष परेश गट्टानी की अध्यक्षता में चैम्बर भवन में संपन्न हुई . बैठक में इस बात पर चर्चा की गयी कि झारखण्ड राज्य में काष्ठ आधारित उद्योगों को मंजूर लाइसेंस अथवा नवीकरण लागू तिथि से पांच वर्षों के लिए मान्य हो. जबकि कई राज्यों में वन विभाग 5 से 10 वर्षों के लिए नवीकरण कर रहा है, परन्तु झारखण्ड राज्य में वन विभाग द्वारा लाइसेंस का नवीकरण सिर्फ एक कैलेंडर वर्ष के लिए किया जा रहा है . जबकि राज्य सरकार का ही दूसरा विभाग ‘कारखाना निरीक्षक’ द्वारा उद्योगों को निर्गत लाइसेंस का नवीकरण 10 वर्षों के लिए किया जा रहा है . यह भी कहा गया कि झारखण्ड में भी वन विभाग द्वारा यदि सॉ मिलों का लाइसेंस 5 से 10 वर्षों के लिए किया जाता है, तो इससे कई समस्याओं का निदान हो सकता है.
उप समिति के चेयरमैन तेजविंदर सिंह ने कहा कि साझेदारी में परिवर्तन व्यवसाय की एक सामान्य प्रक्रिया है . Partnership Act भी इसे मान्यता देता है, परन्तु झारखण्ड का वन विभाग इसे नहीं मानता और लाइसेंस धारक साझेदार की मृत्यु अथवा साझेदारी से हटने के बाद दूसरे साझेदार के नाम लाइसेंस स्वीकृत न कर इसे रद्द कर दे रहा है, जिससे सॉ मिल को बंद कर देने की विवशता हो जाती है . यह एक बहुत ही गंभीर समस्या है, जिससे व्यापारी वर्ग जूझ रहा है . अतः विभाग द्वारा इसे त्वरित संज्ञान में लेकर अनुज्ञप्ति में नाम ट्रान्सफर करने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए.
कई राज्यों में राज्यस्तरीय समिति ने ऐसी व्यवस्था कर रखी है ताकि नामित व्यक्ति स्वतः अनुज्ञप्ति धारक के रूप में सॉ मिल का संचालन कर सके . इस बात पर भी चर्चा की गयी कि यदि किसी का व्यवसाय बढ़ जाता है और उसे अतिरिक्त Band Saw या Trolley की आवश्यकता पड़ती है; तो विभाग इसे देने से इनकार कर देता है इससे व्यापारी के लिए बाधा तो उत्पन्न होती ही है साथ ही साथ राज्य की उन्नति में भी बड़ा प्रभाव पड़ता है . चैम्बर अध्यक्ष परेश गट्टानी एवं महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने संयुक्त रूप से कहा कि वैसे सॉ मिल जो अधिसूचित वन सीमा से 5 किमी की दूरी के भीतर थे उन्हें विभाग ने बंद करा दिया है अथवा उन्हें इस दूरी से हटा दिया गया है . ऐसे बंद कराये गए आरा मिलों के मालिकों एवं साझेदारों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गयी है सरकार को इस पर भी संज्ञान लेने की आवश्यकता है . उपाध्यक्ष राहुल साबू एवं ज्योति कुमारी ने कहा कि सम्बंधित विषयों पर चैम्बर का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव एवं विभाग के पदाधिकारियों से मिलकर एक ज्ञापन सौंपे तथा इस पर त्वरित कार्रवाई करे.
आज की बैठक में कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार, अमित शर्मा, सदस्य श्याम अग्रवाल, एसके वर्मा, नागेन्द्र नाथ मौर्य, विनोद पटेल, अतीक अहमद, बिरेन्द्र पटेल, महेंद्र सिंह, शुभम अग्रवाल, अरुण जजोडिया, प्रवीण अग्रवाल सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे .