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देवघर/डेस्क: सावन का पावन महीना जैसे ही दस्तक देता है, बिहार और झारखंड श्रद्धा की एक डोर में बंध जाते हैं. सुल्तानगंज से बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर) तक की कांवड़ यात्रा इस भक्ति भाव की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति बन जाती है. हजारों-लाखों कांवड़िए इस दौरान जल उठाकर पैदल यात्रा करते हैं और ‘बोल बम’ के जयकारों से रास्ते को गुंजायमान कर देते हैं.
इस बार कांवड़ यात्रा की खास बात यह है कि दिल्ली के सांसद और भाजपा नेता मनोज तिवारी 30 साल बाद फिर से इस पवित्र यात्रा पर निकले हैं. वे सुल्तानगंज से जल भरकर 110 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए देवघर पहुंचेंगे और 2 या 3 अगस्त को बाबा बैद्यनाथ पर जल अर्पण करेंगे. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर इसकी जानकारी साझा करते हुए लिखा—
“जय भोले की. आज 30 साल बाद एक बार फिर कांवड़ उठाकर बाबा बैद्यनाथ धाम जा रहा हूं. बिहार के सुल्तानगंज से 2 बजे जल उठाकर नंगे पांव 110 किलोमीटर पैदल चलकर बाबा के चरणों में जल अर्पित करूंगा. भोले बाबा सबका कल्याण करें.”
मनोज तिवारी न सिर्फ सांसद हैं, बल्कि भोजपुरी सिनेमा और संगीत जगत के चर्चित कलाकार भी हैं. वे दिल्ली में पूर्वांचल समुदाय के प्रभावशाली चेहरे माने जाते हैं.
बैद्यनाथ को कहते हैं “दीवानी बाबा”, बासुकीनाथ हैं “फौजदारी बाबा”
श्रद्धालुओं की आस्था है कि बाबा बैद्यनाथ को कामना लिंग कहा जाता है — यानी जो भी सच्चे मन से मांगता है, उसे फल जरूर मिलता है. वहीं कुछ किलोमीटर दूर स्थित बासुकीनाथ धाम को फौजदारी बाबा के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि वहां त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिलता है, इसलिए वहां धरनार्थियों की संख्या भी अधिक होती है.
सेवा और श्रद्धा का संगम
कांवड़ यात्रा के दौरान रास्ते भर जगह-जगह सेवा शिविर लगाए गए हैं. स्थानीय लोग श्रद्धालुओं के ठहरने, खाने-पीने और स्वास्थ्य की व्यवस्था में जुटे हैं. सुल्तानगंज से देवघर तक की यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक बन गई है. मनोज तिवारी की इस यात्रा से कांवड़ यात्रा को नया उत्साह मिला है. यह यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि श्रद्धा, समर्पण और सामाजिक सहयोग की मिसाल भी पेश कर रही है.
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