एक व्यक्ति, बिहार-झारखंड का आवासीय बनाकर नौकरी के लिए दोनों राज्य में कर रहा आवेदन
अमित सिंह, न्यूज 11 भारत
रांची : झारखंड सहित अन्य किसी भी राज्य में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों के लिए उस राज्य का निवासी होना आनिवार्य है. मगर बिहार और झारखंड एक ऐसा राज्य बन गया है, जहां पर स्थानीय नीति को लेकर हमेशा विवाद होता रहा है. कई ऐसे मामले आए है, जहां झारखंड के निवासी बिहार में और बिहार के निवासी झारखंड में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों पर आवेदन कर रहे हैं. यहां तक कि नौकरी में सेलेक्शन हो जाने के बाद जब प्रमाण पत्र जांच का समय आता है, तब पता चलता है कि वह किस राज्य के मूल निवासी है. ऐसे विवाद में कभी-कभी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें धनबाद का एक निवासी है. जिसका दोनों राज्य से आवासीय प्रमाण पत्र बना हुआ है. यह दोनों राज्यों में थर्ड ग्रेड के पदों पर आवेदन कर रहा है. अब यह तय कौन करेगा कि वह किस राज्य का निवासी है और किस राज्य से निर्गत आवासीय प्रमाण पत्र असली है.
2017 में झारखंड का आवासीय प्रमाण पत्र हुआ जारी
झारखंड धनबाद के रहने वाले शम्मी कांत सौरव (पिता शशि कांत प्रसाद) किस राज्य के मूल निवासी है, अब यह सवाल उठ रहा है. शम्मी कांत सौरव के पास झारखंड और बिहार दोनों राज्यों का आवासीय प्रमाण पत्र है. सौरव ने झारखंड के धनबाद नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या-33, डाक घर-धनसार, थाना-धनसार के पते से 2017 में आवायीय प्रमाण पत्र बनवाया है. प्रमाण पत्र में बताया गया है कि शम्मी कांत सौरव झारखंड राज्य के स्थानीय निवासी हैं और यह प्रमाण पत्र कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग झारखंड सरकार के संकल्प संख्या 3198, दिनांक 18-04-2016 की कंडिका-2 में उल्लेखित प्रावधानों के आलोक में निर्गत किया गया है. इस प्रमाण पत्र के निर्गत होने के बाद शम्मी कांत सौरव झारखंड के थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों पर स्थानीय निवासी होने का दावा कर नौकरी हासिल कर सकते हैं.
बिहार का आवासीय प्रमाण पत्र
झारखंड का आवासीय प्रमाण पत्र
2018 में बिहार से स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाया
शम्मी कांत सौरव ने ही 06-09-2018 को बिहार का निवास प्रमाण पत्र बनवाया. यह प्रमाण पत्र तत्काल सेवा के तहत नालंदा जिला के अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत किया गया है. इसमें बताया गया है कि शम्मी कांत सौरव (पिता शशि कांत प्रसाद) ग्राम बौरीडीह, थाना खुदागंज, प्रखंड ईस्लामपुर, अनुमंडल हिलसा, जिला नालंदा राज्य बिहार के स्थायी निवासी है. यह प्रमाण पत्र ईस्लामपुर प्रखंड कार्यालय से जारी हुआ है.
प्रमाण पत्र के आधार पर दोनों राज्यों में नौकरी के लिए कर रहे आवेदन
झारखंड सहित अन्य किसी भी राज्य में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों के लिए उस राज्य का निवासी होना आनिवार्य है. ऐसे में किसी भी राज्य में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन वही कर सकता है, जिसके पास उस राज्य का स्थायी निवासी या आवासीय प्रमाण पत्र हो. झारखंड-बिहार में ऐसे सैंकड़ों स्टूडेंट्स आवेदन कर रहे है, जिनके पास दोनों राज्यों से जारी आवासीय प्रमाण पत्र है. उसी में से एक है शम्मी कांत सौरव. जिसका आवासीय प्रमाण पत्र सत्यता जांच के लिए आवेदन आया है. जिसमें बताया गया है कि सौरव ने दोनों राज्यों से आवासीय प्रमाण पत्र बनवाया है. जिसके आधार पर बिहार-झारखंड दोनों राज्यों में नौकरी के लिए आवेदन कर रहा है.
झारखंड और बिहार दोनों जगह नौकरी के लिए किया आवेदन
शम्मी कांत ने झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमिशन द्वारा आयोजित झारखंड डिप्लोमा लेवल कंबाइंड कंप्टेटीव एग्जामिनेशन-2021 में शामिल होने के लिए आवेदन दिया है. उसने 4 मार्च 2022 को आवेदन किया है. जिसमें अपना आवासीय प्रमाण पत्र लगाते हुए बताया है कि मेरे द्वारा दी गई सारी जानकारी सही है. बिहार में भी तकनीकी सेवा आयोग द्वारा अयोजित होने वाली नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने के लिए सौरव ने आवेदन किया है. यहां आवदेन के साथ बिहार के नालंदा से जारी निवास प्रमाण पत्र जमा किया है.
झारखंड में आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए क्या है जरूरी
स्थानीयता की छह श्रेणियां, जिनमें किसी एक पर खरा उतरना होगा आवेदक को
1. झारखंड राज्य की भौगोलिक सीमा में निवास करता हो. स्वयं व पूर्वज के नाम से पिछले सर्वे खतियान में नाम दर्ज हो. भूमिहीन के मामले में उनकी पहचान संबंधित ग्राम सभा द्वारा होगी.
2. किसी व्यापार नियोजन एवं अन्य कारणों से झारखंड में 30 साल या अधिक अवधि से रह रहा हो, अथवा अचल संपत्ति अर्जित की हो या ऐसे व्यक्ति की पत्नी, पति या संतान हो.
3. झारखंड सरकार संचालित मान्यता प्राप्त संस्थानों, निगम आदि में नियुक्ति एवं कार्यरत पदाधिकारी व कर्मचारी या उनकी पत्नी, पति या संतान हो.
4. भारत सरकार का पदाधिकारी या कर्मचारी, जो झारखंड में कार्यरत हो या उनकी पत्नी,पति या संतान हो.
5. झारखंड में किसी संवैधानिक या विधिक पदों पर नियुक्त व्यक्ति या उनकी पत्नी, पति या संतान हो.
6. ऐसा व्यक्ति जिसका जन्म झारखंड में हुआ हो तथा जिसने मैट्रिकुलेशन या समकक्ष स्तर की पूरी शिक्षा झारखंड स्थित मान्यता प्राप्त संस्थानों से पूरी की हो एवं झारखंड में निवास करने की प्रतिबद्धता रखता हो
बिहार में आवासीय नहीं, निवास प्रमाण पत्र होता है निर्गत, क्या है जरूरी
निवास प्रमाण पत्र क्या होता है ?
निवास प्रमाण पत्र किसी राज्य में रहने वाले नागरिकों के निवास का प्रमाण पत्र होता है जिससे यह व्यतीत होता है कि व्यक्ति राज्य में किस गांव किस जिले या किस शहर में निवास करता है. बिहार में पानी या बिजली कनेक्शन लेने के लिए आपके पास निवास प्रमाण पत्र होना आवश्यक है. साथ ही सरकारी योजना या किसी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन देने वक्त भी आपसे निवास प्रमाण पत्र की मांग की जाती है.
क्या-क्या डॉक्यूमेंट है जरूरी
-आधार कार्ड
-वोटर आईडी कार्ड
-राशन कार्ड
-पैन कार्ड