Thursday, May 1 2025 | Time 10:30 Hrs(IST)
  • ADR Report: 28% महिला सांसद-विधायकों पर आपराधिक मामले, 15% पर गंभीर आरोप, 17 ने घोषित की अरबों की संपत्ति
  • यहां घूमने नहीं, सोने निकलते है लोग! जानिए भारत की कौन-सी जगहें है Sleeping Tourism के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन
  • विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी समकक्ष रुबियो से की बात, पहलगाम आतंकवादी हमले पर हुई चर्चा
  • बंगरा गांव के समीप अनियंत्रित होकर पलटी तेल टैंकर, तेल लुटने वालों को लगी होड़
  • लातेहार में नक्सलियों ने जमकर मचाया उत्पात, कंस्ट्रक्शन साइट पर खड़ी वाहनों को किया आग के हवाले
  • पाकिस्तान ने लगातार 7वें दिन किया सीजफायर का उल्लंघन, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब
  • मुंगेर में सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र का दिखा अलग अंदाज, क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी की बनाई अनोखी तस्वीर, कहा- बिहारी बाबू को बिग कांग्रेट्स
  • लातेहार के महुआडांड़ में नक्सली तांडव! कन्स्ट्रक्शन साइट पर किया हमला, कर्मी को मारी गोली
  • International Labour Day 2025: आखिर क्यों हर साल 1 मई को ही मनाया जाता है मजदूर दिवस? जानिए इसके पीछे की रोचक कहानी
  • LPG Price Reduced: 1 मई से सस्ता हुआ एलपीजी सिलेंडर, जानिए दिल्ली से लेकर चेन्नई तक का रेट
  • इनामी नक्सली फुलटू को रिम्स ने कैदी वार्ड में भर्ती करने से किया इनकार
  • NEET UG 2025: NTA ने जारी किया परीक्षा का एडमिट कार्ड, कैंडिडेट्स इन बातों का रखें ध्यान
  • दूध के दाम में एक बार दिखा उबाल! Amul दूध ने बढ़ाया रेट, आज से हर घूंट पड़ेगा थोड़ा महंगा
  • Rules Change: आज 1 मई से बदल गए हैं ये नियम, जानिए क्या-क्या बदला
  • Jharkhand Weather Update: झारखंड में मौसम ने बदली चाल! कहीं धूप तो कहीं बारिश जानें आज का वेदर अपडेट
झारखंड


Exposed! व्यक्ति एक, आवासीय प्रमाण पत्र दो, फर्जी कौन

एक व्यक्ति, बिहार-झारखंड का आवासीय बनाकर नौकरी के लिए दोनों राज्य में कर रहा आवेदन
Exposed! व्यक्ति एक, आवासीय प्रमाण पत्र दो, फर्जी कौन
अमित सिंह, न्यूज 11 भारत

 

रांची : झारखंड सहित अन्य किसी भी राज्य में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों के लिए उस राज्य का निवासी होना आनिवार्य है. मगर बिहार और झारखंड एक ऐसा राज्य बन गया है, जहां पर स्थानीय नीति को लेकर हमेशा विवाद होता रहा है. कई ऐसे मामले आए है, जहां झारखंड के निवासी बिहार में और बिहार के निवासी झारखंड में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों पर आवेदन कर रहे हैं. यहां तक कि नौकरी में सेलेक्शन हो जाने के बाद जब प्रमाण पत्र जांच का समय आता है, तब पता चलता है कि वह किस राज्य के मूल निवासी है. ऐसे विवाद में कभी-कभी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें धनबाद का एक निवासी है. जिसका दोनों राज्य से आवासीय प्रमाण पत्र बना हुआ है. यह दोनों राज्यों में थर्ड ग्रेड के पदों पर आवेदन कर रहा है. अब यह तय कौन करेगा कि वह किस राज्य का निवासी है और किस राज्य से निर्गत आवासीय प्रमाण पत्र असली है. 

 

2017 में झारखंड का आवासीय प्रमाण पत्र हुआ जारी

झारखंड धनबाद के रहने वाले शम्मी कांत सौरव (पिता शशि कांत प्रसाद) किस राज्य के मूल निवासी है, अब यह सवाल उठ रहा है. शम्मी कांत सौरव के पास झारखंड और बिहार दोनों राज्यों का आवासीय प्रमाण पत्र है. सौरव ने झारखंड के धनबाद नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या-33, डाक घर-धनसार, थाना-धनसार के पते से 2017 में आवायीय प्रमाण पत्र बनवाया है. प्रमाण पत्र में बताया गया है कि शम्मी कांत सौरव झारखंड राज्य के स्थानीय निवासी हैं और यह प्रमाण पत्र कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग झारखंड सरकार के संकल्प संख्या 3198, दिनांक 18-04-2016 की कंडिका-2 में उल्लेखित प्रावधानों के आलोक में निर्गत किया गया है. इस प्रमाण पत्र के निर्गत होने के बाद शम्मी कांत सौरव झारखंड के थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों पर स्थानीय निवासी होने का दावा कर नौकरी हासिल कर सकते हैं. 

                                                                         

बिहार का आवासीय प्रमाण पत्र

 


 

झारखंड का आवासीय प्रमाण पत्र


 

 

2018 में बिहार से स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवाया

शम्मी कांत सौरव ने ही 06-09-2018 को बिहार का निवास प्रमाण पत्र बनवाया. यह प्रमाण पत्र तत्काल सेवा के तहत नालंदा जिला के अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत किया गया है. इसमें बताया गया है कि शम्मी कांत सौरव (पिता शशि कांत प्रसाद) ग्राम बौरीडीह, थाना खुदागंज, प्रखंड ईस्लामपुर, अनुमंडल हिलसा, जिला नालंदा राज्य बिहार के स्थायी निवासी है. यह प्रमाण पत्र ईस्लामपुर प्रखंड कार्यालय से जारी हुआ है. 

 

प्रमाण पत्र के आधार पर दोनों राज्यों में नौकरी के लिए कर रहे आवेदन

झारखंड सहित अन्य किसी भी राज्य में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के पदों के लिए उस राज्य का निवासी होना आनिवार्य है. ऐसे में किसी भी राज्य में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन वही कर सकता है, जिसके पास उस राज्य का स्थायी निवासी या आवासीय प्रमाण पत्र हो. झारखंड-बिहार में ऐसे सैंकड़ों स्टूडेंट्स आवेदन कर रहे है, जिनके पास दोनों राज्यों से जारी आवासीय प्रमाण पत्र है. उसी में से एक है शम्मी कांत सौरव. जिसका आवासीय प्रमाण पत्र सत्यता जांच के लिए आवेदन आया है. जिसमें बताया गया है कि सौरव ने दोनों राज्यों से आवासीय प्रमाण पत्र बनवाया है. जिसके आधार पर बिहार-झारखंड दोनों राज्यों में नौकरी के लिए आवेदन कर रहा है. 

 

झारखंड और बिहार दोनों जगह नौकरी के लिए किया आवेदन

शम्मी कांत ने झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमिशन द्वारा आयोजित झारखंड डिप्लोमा लेवल कंबाइंड कंप्टेटीव एग्जामिनेशन-2021 में शामिल होने के लिए आवेदन दिया है. उसने 4 मार्च 2022 को आवेदन किया है. जिसमें अपना आवासीय प्रमाण पत्र लगाते हुए बताया है कि मेरे द्वारा दी गई सारी जानकारी सही है. बिहार में भी तकनीकी सेवा आयोग द्वारा अयोजित होने वाली नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने के लिए सौरव ने आवेदन किया है. यहां आवदेन के साथ बिहार के नालंदा से जारी निवास प्रमाण पत्र जमा किया है. 

 

झारखंड में आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए क्या है जरूरी

स्थानीयता की छह श्रेणियां, जिनमें किसी एक पर खरा उतरना होगा आवेदक को

1. झारखंड राज्य की भौगोलिक सीमा में निवास करता हो. स्वयं व पूर्वज के नाम से पिछले सर्वे खतियान में नाम दर्ज हो. भूमिहीन के मामले में उनकी पहचान संबंधित ग्राम सभा द्वारा होगी.

2. किसी व्यापार नियोजन एवं अन्य कारणों से झारखंड में 30 साल या अधिक अवधि से रह रहा हो, अथवा अचल संपत्ति अर्जित की हो या ऐसे व्यक्ति की पत्नी, पति या संतान हो.

3. झारखंड सरकार संचालित मान्यता प्राप्त संस्थानों, निगम आदि में नियुक्ति एवं कार्यरत पदाधिकारी व कर्मचारी या उनकी पत्नी, पति या संतान हो.

4. भारत सरकार का पदाधिकारी या कर्मचारी, जो झारखंड में कार्यरत हो या उनकी पत्नी,पति या संतान हो.

5. झारखंड में किसी संवैधानिक या विधिक पदों पर नियुक्त व्यक्ति या उनकी पत्नी, पति या संतान हो.

6. ऐसा व्यक्ति जिसका जन्म झारखंड में हुआ हो तथा जिसने मैट्रिकुलेशन या समकक्ष स्तर की पूरी शिक्षा झारखंड स्थित मान्यता प्राप्त संस्थानों से पूरी की हो एवं झारखंड में निवास करने की प्रतिबद्धता रखता हो

 

बिहार में आवासीय नहीं, निवास प्रमाण पत्र होता है निर्गत, क्या है जरूरी

निवास प्रमाण पत्र क्या होता है ?

निवास प्रमाण पत्र किसी राज्य में रहने वाले नागरिकों के निवास का प्रमाण पत्र होता है जिससे यह व्यतीत होता है कि व्यक्ति राज्य में किस गांव किस जिले या किस शहर में निवास करता है. बिहार में पानी या बिजली कनेक्शन लेने के लिए आपके पास निवास प्रमाण पत्र होना आवश्यक है. साथ ही सरकारी योजना या किसी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन देने वक्त भी आपसे निवास प्रमाण पत्र की मांग की जाती है. 

 

क्या-क्या डॉक्यूमेंट है जरूरी

-आधार कार्ड

-वोटर आईडी कार्ड

-राशन कार्ड

-पैन कार्ड
अधिक खबरें
Jharkhand: आज से लागू होगी बिजली की नई दर, जानें अब कितना देना होगा प्रति यूनिट
मई 01, 2025 | 01 May 2025 | 8:37 AM

झारखंड में बिजली महंगी हो गई है. झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) ने बिजली की नई दरों की घोषणा कर दी है, जो 1 मई 2025 आज से लागू हो जाएगी. इस बदलाव के तहत, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में 30 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है.

Jharkhand Weather Update: झारखंड में मौसम ने बदली चाल! कहीं धूप तो कहीं बारिश.. जानें आज का वेदर अपडेट
मई 01, 2025 | 01 May 2025 | 6:57 AM

झारखंड में आज मौसम का मिजाज बदला-बदला सा रहने वाला हैं. मई की शुरुआत के साथ झारखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ली हैं. एक ओर जहां अप्रैल की भीषण गर्मी से लोग बेहाल थे. वहीं अब लगातार हो रही बारिश और तेज हवाओं ने मौसम को सुहाना बना दिया हैं. लेकिन यही सुहावना मौसम वज्रपात और तूफान के चलते खतरे का संकेत भी दे रहा हैं. मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया हैं.

'वक्फ कानून' के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में ब्लैकआउट, लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से किया अनोखा विरोध प्रदर्शन
अप्रैल 30, 2025 | 30 Apr 2025 | 9:21 AM

केंद्र सरकार के 'वक्फ कानून' के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों ने विरोध के तहत रात 9:00 बजे से 9:15 बजे तक बिजली बंद रखी. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील के बाद यह किया गया. यह प्रतीकात्मक ब्लैकआउट विरोध घर, दुकान और मोहल्लों में किया गया है. ऐसे में रांची के हिंदपीढ़ी, आजाद बस्ती, डोरंडा, पुंदाग, बरियातू, कांके जैसे कई क्षेत्रों में अंधेरा छाया था. लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से एकजुटता और असहमति जताई. सोशल मीडिया पर भी इस विरोध को व्यापक समर्थन मिला.

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने केंद्रीय कैबिनेट के जातिगत जनगणना के फैसले का किया स्वागत
अप्रैल 30, 2025 | 30 Apr 2025 | 8:55 PM

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने केंद्रीय कैबिनेट के जातिगत जनगणना के फैसले का स्वागत किया है. इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हे लिखा, "जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी. केन्द्र की मोदी सरकार ने आज सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का निर्णय वास्तव में सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कांग्रेस ने कई दशकों तक सत्ता में रहते हुए जिस पिछड़े/ वंचित समाज को अधिकारों से दूर रखने का षड्यंत्र किया, उनके समावेशन एवं सशक्तिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है."

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च संस्थान में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने की बैठक
अप्रैल 30, 2025 | 30 Apr 2025 | 7:48 PM

कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने हैदराबाद दौरा के अंतिम दिन मोटे अनाज की देश भर में बढ़ती मांग और खोज को लेकर अधिकारियों संग बैठक की . हैदराबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिल्लेट्स रिसर्च संस्थान में मोटे अनाज पर किए जा रहे अनुसंधान से मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की काफी प्रभावित नजर आई . वर्तमान में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिल्लेट्स रिसर्च संस्थान बाजार की मांग के अनुरूप हर तरह के खाद्य पदार्थ को तैयार करने में जुटी है