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रांची/डेस्क: शनिवार को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है. जिस पर चुनाव आयोग ने उनके दावे को न सिर्फ खारिज किया था, बल्कि उनका पूरा विवरण देते हुए इसे 'एक शरारतपूर्ण बयान' करार दिया था. लेकिन अब इस मामले ने लगता है तूल पकड़ लिया है. या यूं कहें कि तेजस्वी यादव ने कल जो दांव खेला था, वह उल्टा पड़ गया है.
तेजस्वी यादव ने चुनाव आय़ोग के साथ जो 'राजनीतिक खेल' खेलने का प्रयास किया है, उसको तो आयोग ने बेबुनियाद करार देते हुए सार्वजनिक रूप से खंडन कर दिया है, लेकिन आयोग के मन में एक संशय भी उत्पन्न हो गया है, अब वह उसको भी खत्म कर लेना चाह रहा है. बता दें कि तेजस्वी यादव ने बाजाप्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि EPIC नंबर RAB2916120 डालने पर “No Records Found” लिखा आया है. स्क्रीन पर आये इस रिजल्ट को उन्होंने लाइव दिखाते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत तक करार दे दिया.
बता दें कि तेजस्वी के बयान के बाद चुनाव आयोग ने EPIC नंबर RAB0456228 जारी करते हुए सीरियल नंबर 416 में उनके पूरे विवरण को साझा किया. आयोग ने यह भी बताया कि इसी EPIC नंबर RAB0456228 पर तेजस्वी यादव ने 2020 और 2015 में वोट दिया था.
चुनाव आयोग के मन में संदेह क्यों उपजा?
EPIC नंबर के इस 'खेल' में चुनाव आयोग के मन में सवाल उपजना तय था.क्योंकि चुनाव आयोग ने जो विवरण जारी किया उसका EPIC No. RAB0456228 है. जबकि तेजस्वी ने जो EPIC No. RAB2916120 है. आयोग का कहना है कि पिछले दस वर्षों में इस नंबर का रिकॉर्ड नहीं मिला है. इसलिए इसकी जांच की जा रही है कि तेजस्वी यादव ने इस EPIC नंबर का जिक्र क्यों किया है. चुनाव आयोग को आशंका है कि यह नंबर फर्जी हो सकता है.संदेह तो इस बात का भी है कि यह EPIC नंबर आधिकारिक प्रक्रिया से बनाया ही न गया हो. यानी चुनाव आयोग पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाने वाले राजद नेता पर ही फर्जीवाड़े की उंगली उठ गयी है.