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चाईबासा/डेस्क: चाईबासा की अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा की अदालत ने एक गंभीर बलात्कार के मामले में जिला परिषद सदस्य और मजदूर नेता जॉन मिरन मुंडा को 10 साल के कठोर कारावास और ₹5,000 के जुर्माने की सजा सुनाई हैं. यह मामला वर्ष 2022 में मनोहरपुर थाना क्षेत्र का है. इसके बाद मनोहरपुर में थाना दर्ज किया गया था.
मामले की मुख्य बातें
जिला परिषद सदस्य और मजदूर नेता जॉन मिरन मुंडा पर फरवरी 2022 में एक युवती को बहला-फुसलाकर मनोहरपुर ले जाकर बलात्कार करना और जबरन गर्भपात करने के लिए दवाएं खिलाना था. इस मामले में 32/2022, दिनांक 21 जून 2022 को मामला की प्राथमिकी दर्ज हुआ था. इसके बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (एन)313/506 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया था.
अदालत का फैसला
अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी ने पीड़िता को शादी और राजनीतिक संरक्षण का झांसा देकर एक किराए के मकान में रखा और उसकी मर्जी के खिलाफ कई बार बलात्कार किया. जब पीड़िता गर्भवती हो गई, तो आरोपी ने कथित तौर पर जबरन गर्भपात की दवाएं भी खिलाईं.
वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर जॉन मिरन मुंडा को दोषी करार
अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों और वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर जॉन मिरन मुंडा को दोषी करार दिया और सजा सुनाई. सत्रवाद संख्या 333/2022 में सुनवाई के बाद अदालत ने 8 जुलाई 2025 को सजा सुनाई.
पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद
यह मामला एक प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने और एक युवती के साथ किए गए अपराध को उजागर करता है. अदालत के फैसले से पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद है.