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रांची/डेस्क: आज (07 अगस्त 2025) को झारखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री इरफान अंसारी ने अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय आपात समीक्षा बैठक आयोजित कर राज्य में हाल ही में हुई अतिवृष्टि, वज्रपात, सर्पदंश एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों की विस्तृत समीक्षा की. इस बैठक में विभागीय सचिव राजेश कुमार शर्मा सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
विभागीय सचिव ने एक विस्तृत प्रजेंटेशन के माध्यम से मंत्री महोदय को राज्यभर में हुई क्षति की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया. बीते 03 महीनों में विभिन्न आपदाओं के कारण राज्य में 431 लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई, जिनमें से:
●वज्रपात से – 180
●अतिवृष्टि से – 09
●पानी में डूबने से – 161
●सर्पदंश से – 80
●बाढ़ से – 01
●ओलावृष्टि से – 0
●मकान और फसल को हुआ भारी नुकसान
अतिवृष्टि के कारण कच्चे मकानों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा —
■आंशिक क्षति: 7979
■पूर्ण क्षति: 447
■जबकि पक्के मकानों की –
■ आंशिक क्षति: 208
■पूर्ण क्षति: 20
■राज्य में फसल क्षति का भी गहराई से अध्ययन हुआ, जहां रांची, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा जिलों में कुल 2390 हेक्टेयर भूमि पर फसलें बर्बाद हुईं.
राहत राशि में सरकार सक्रिय
■सरकार ने सभी जिलों को आपदा राहत हेतु तत्काल राशि उपलब्ध कराई है.
■विगत वित्तीय वर्ष में 57 करोड़ रुपये
■वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 44 करोड़ रुपये प्रदान किए जा चुके हैं.रांची और लोहरदगा से शेष जानकारियाँ मिलते ही संबंधित राशि जारी कर दी जाएगी.
“Mitigation Project for Lightning Safety” को मिली मंजूरी – तकनीक से पहले ही मिलेगी चेतावनी!
वज्रपात से जानमाल की सुरक्षा हेतु एक बड़ा निर्णय लिया गया है .जामताड़ा, दुमका एवं बरहेट में विशेष सर्वेक्षण कर “Mitigation Project for Lightning Safety” की शुरुआत होगी.
इस परियोजना के तहत Electrical Field Mill उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे वज्रपात की घटना से औसतन 3 घंटे पूर्व चेतावनी लाउडस्पीकरों के माध्यम से जनता तक पहुँचेगी.
पानी में डूबने से जानमाल की सुरक्षा हेतु ऐतिहासिक कदम
हर जिले से 2 गोताखोरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही प्रमुख जलप्रपातों पर लोहे की जालियां और चेन लगाकर घटनाओं की रोकथाम की जाएगी.
राज्य बनेगा तकनीकी रूप से सक्षम — MIS & GIS पोर्टल से रियल टाइम मदद
JSAC के सहयोग से MIS & GIS पोर्टल के निर्माण की जानकारी दी गई, जिसके माध्यम से GPS आधारित स्थान की पहचान कर पीड़ितों को सीधे खाते में डिजिटल भुगतान संभव होगा. साथ ही, मुख्यालय से आपदा राहत की मॉनिटरिंग भी अब और प्रभावी होगी.
सड़क दुर्घटना में मुआवजा होगा चार लाख रुपये — मंत्री ने दिए निर्देश
समान मानवीय दृष्टिकोण के तहत, मंत्री अंसारी ने यह भी निर्देशित किया कि सड़क दुर्घटना के मृतकों को भी अन्य आपदाओं के समान ₹4 लाख की मुआवजा राशि प्रदान की जाए. यह एक सशक्त, संवेदनशील और समावेशी नीति की दिशा में बड़ा कदम है.
बैठक के समापन पर मंत्री ने कहा कि, “राज्य सरकार आपदाओं को टाल नहीं सकती, परंतु उनके दुष्प्रभाव को न्यूनतम करने हेतु प्रतिबद्ध है. हम हर परिस्थिति में जनता के साथ हैं. हर महीने समग्र समीक्षा बैठक कर योजना की प्रगति का आंकलन किया जाएगा.”
"प्राकृतिक आपदा से लड़ने के लिए सरकार तैयार है — तकनीक, त्वरित राहत और मानवीय संवेदना हमारी प्राथमिकता है." –मंत्री डॉ इरफान अंसारी