अरुण कुमार यादव/न्यूज 11 भारत
गढ़वा/डेस्क: झारखंड मुक्ति मोर्चा के मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे सोमवार को झारखंड की राजनीति और आदिवासी आंदोलन के प्रणेता, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पैतृक गांव नेमरा पहुंचे. वहां उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर गुरुजी की एक विशेष तस्वीर उन्हें भेंट की.
उन्होंने कहा गुरुजी ने अपने जीवन में कभी अपने लिए नहीं, बल्कि झारखंड और यहां के लोगों के लिए संघर्ष किया. उनका सपना एक ऐसा राज्य था जहां हर गरीब को सम्मान और अधिकार मिले.उन्होंने आगे कहा कि गुरुजी का आकस्मिक निधन पूरे राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है. उनका जाना न सिर्फ झामुमो के लिए बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक गहरा शोक है.
धीरज दुबे ने कहा कि गुरुजी के विचार और संघर्ष आज भी प्रेरणा देते हैं, और उनकी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके अधूरे सपनों को पूरा करें.गांव में उमड़ा जनसैलाब गुरुजी के गांव नेमरा में सोमवार को माहौल बेहद भावुक था. दूर-दराज से लोग उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दे रहे थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस दौरान पूरी तरह भावुक नजर आए. उन्होंने अपने पिता की तस्वीर ग्रहण करते समय कहा कि यह तस्वीर उनके लिए सिर्फ एक स्मृति नहीं, बल्कि संघर्ष और प्रेरणा का प्रतीक है.
गुरुजी का योगदान और विरासत
शिबू सोरेन ने कई बार जेल की यातना सही, लेकिन अपने संकल्प से पीछे नहीं हटे. उनकी अगुवाई में झारखंड अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और केंद्र में भी कैबिनेट मंत्री रहे. धीरज दुबे ने कहा आज जरूरत है कि युवा पीढ़ी गुरुजी के संघर्षों को जाने और उनसे सीख ले. यदि हम उनकी सोच और सिद्धांतों पर चलें, तो निश्चित ही झारखंड को उनके सपनों का राज्य बनाया जा सकता है.प्रदेश में शोक की लहर गुरुजी के निधन से पूरे झारखंड में शोक की लहर है. गढ़वा जिले से भी बड़ी संख्या में लोग नेमरा पहुंच रहे हैं.धीरज दुबे ने कहा कि गुरुजी का जीवन हम सभी के लिए एक संदेश है—निष्काम सेवा, अडिग संकल्प और जनता के प्रति समर्पण. यह तस्वीर, जो उन्होंने मुख्यमंत्री को भेंट की, आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी.