झारखंड » हजारीबागPosted at: नवम्बर 28, 2024 हजारीबाग में सोलर हाई मास्क लाइट प्रोजेक्ट में हुई देरी, दुर्घटनाओं का बढ़ता खतरा
निगम अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप, अधूरे कार्य से उत्पन्न हो रही कई समस्याएं

प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: भाजपा नेता अनुपम सिन्हा ने झारखंड सरकार के नगर विकास विभाग के जेरेडा (JREDA) पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि हज़ारीबाग नगर निगम क्षेत्र में सार्वजनिक सोलर हाई मास्क लाइट लगाने का कार्य पिछले 10 महीनों से चल रहा है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ हैं. इस अधूरे प्रोजेक्ट के कारण नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और दुर्घटनाओं का खतरा भी बना हुआ हैं. अनुपम सिन्हा ने बताया कि कई स्थानों पर गड्ढे खोदे गए है और कहीं-कहीं तो कॉन्क्रीट भी किया गया है लेकिन काम को अधूरा छोड़ दिया गया हैं. इस स्थिति में राहगीरों और वाहन चालकों के लिए दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना हुआ हैं. आए दिन इस प्रकार की घटनाएं होती रहती है, जिससे नागरिकों में रोष व्याप्त हैं.
अनुपम सिन्हा ने यह भी बताया कि उन्होंने इस मुद्दे की जानकारी नगर निगम के एक्स इंजीनियर रामाश कुमार को फोन के माध्यम से देने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. वहीं, लाइट लगाने वाली एजेंसी के प्रभारी अमित कुमार को जब इस समस्या के बारे में बताया गया, तो उन्होंने भी इसे टालने का प्रयास किया. इस समस्या का समाधान नहीं होने पर अनुपम सिन्हा ने कहा कि अगर किसी पदाधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया, तो सरकार गठन के बाद नव नियुक्त नगर विकास मंत्री और सचिव को इसकी जानकारी दी जाएगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस प्रकार की लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जल्द से जल्द इसका समाधान किया जाना चाहिए. इस प्रोजेक्ट की देरी न केवल विकास कार्यों में बाधा डाल रही है बल्कि जन सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर रही हैं. भाजपा नेता ने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप करने और इस प्रोजेक्ट को शीघ्र पूरा करने की मांग की है ताकि नागरिकों को राहत मिल सके और दुर्घटनाओं को रोका जा सके. अब देखना यह है कि सरकार और संबंधित विभाग इस समस्या पर कितना जल्दी संज्ञान लेते है और इसे हल करने के लिए क्या कदम उठाते हैं. नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए शीघ्र कार्रवाई अपेक्षित है ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से निपटा जा सके और विकास कार्य समय पर पूरा हो सकें. इस प्रकार की घटनाएं प्रशासनिक लापरवाही और जिम्मेदारी की कमी को उजागर करती है, जिसे दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता हैं. नागरिकों की उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और समस्याओं का समाधान जल्द ही किया जाएगा.