न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः देश के कई हिस्सों (राज्यों) में अगले कुछ दिनों में मौसम और अधिक खराब होने वाला है. जिससे लोगों को बेताहाशा परेशानी उठानी पड़ सकती है. बात करें झारखंड की तो राजधानी रांची सहित राज्य के सभी भागों में गर्मी इतनी बढ़ गई है कि लोगों का जीना मुहाल हो गया है. दोपहर में गर्म हवाओं की झोंके और रात में गर्मी की आंख मिचौली ने लोगों को खासा परेशान कर रखा है जिससे लोग गर्मी से बेहाल हो गए है. वहीं अगर देश की बात करें तो, देश में भी इन दिनों मौसम में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है. पिछले कुछ दिनों शुरू हुए चक्रवाती तूफान 'रेमाल' की वजह से हमें मौसम में कई बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे.
IMD (India Meteorological Department) के मुताबिक, आने वाले दिनों चक्रवाती तूफान रेमाल की वजह से मौसम में कई बदलाव होने वाले है. मानसून की स्पीड और दिशा दोनों रेमाल की वजह से बदल गए हैं इससे देश के 7 राज्यों में मौसम की थर्ड डिग्री शुरू होने की संभावना है यानी कि इस वक्त देश के अन्य हिस्सों का जो हाल या स्थिति है वह आने वाले कुछ दिनों में और अधिक खराब होने वाली है.
इन राज्यों में और अधिक खराब होगा मौसम
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने बताया है कि यह गर्मी का अंतिम चरण नहीं है बल्कि गर्मी का दूसरा चरण अभी शुरू हुआ है. गर्मी के मौसम का का अंतिम चरण जून महीने में शुरू होगा. जो वर्तमान स्थिति से कहीं अधिक गंभीर होगा. यानी अभी आपको जो गर्मी सता रही है समझिए..उससे कहीं अधिक गर्मी का दंश आपको झेलना पड़ेगा. और इससे आम जनों के जनजीवन में भी ऐतिहासिक प्रभाव देखने को मिलेगा. विभाग के अनुसार, देश के पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली के निवासी जून के महीने में गर्मी के अंतिम चरण में सबसे अधिक प्रभावित होंगे.
वातावरण में कम हो जाएगा ऑक्सीजन लेवल !
मौसम विभाग ने बताया है कि देश में गर्मी का मौसम पछुआ हवाओं के कारण आता है. और ये हवाएं पश्चिम से पूर्व दिशा की तरफ चलती है. जो समुद्र की गर्म सतहों से उत्पन्न होती हैं और इसके बाद ये हवाएं बंजर पहाड़ों और सूखे रेगिस्तान से टकराते हुए भारत आ पहुंचती हैं ये हवाएं काफी गर्म होती है.
विभाग के मुताबिक, पछुआ हवाएं लगातार जून महीने में चलती रहेंगी. इस दौरान अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न होने वाले मानसून के बादलें और हवाएं उत्तर दिशा की ओर आगे बढ़ेगी. और ये हवाएं दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, यूपी, और राजस्थान में आपस में मिल जाएगी. जिससे ह्यूमिडिटी यानी कि उमस बढ़ जाएगी. और इसके कारण वातावरण में ऑक्सीजन का लेवल भी कम हो जाएगा जो दम घोंटने का कम करेगी. इसीलिए इस हवा को दम घोंटने वाली हवा भी कहते है. इस बीच तापमान भले ही कम होगा लेकिन मौसम काफी खराब होगा.
बंगाल की खाड़ी में पावरफुल हो चुका है मानसून
भारत के प्राचीन विशेषज्ञों की मानें तो उन्होंने मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए कई सिग्नल्स हाईलाइट किए थे जिसमें उन विशेषज्ञों का कहना था कि अगर गर्मी के मौसम में सूरज की किरणें पृथ्वी के तापमान को उससे अधिकतम से भी अधिक ले जाती है तो बारिश अच्छी होती है और मानसून स्ट्रांग (मजबूत) हो जाता है, भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ महापात्रा ने भी कुछ ऐसा ही कहा है उनका कहना है कि रेमल तूफान की वजह से बंगाल की खाड़ी में मानसून और ज्यादा पावरफुल हो गया है. मानसून के बादलों की स्पीड भी तेज हो गई है.
केरल नहीं उत्तर-पूर्व के किसी दूसरे राज्य से एंट्री करेगा मानसून
विभाग ने बताया है कि इस बार देश में मानसून की एंट्री केरल राज्य से नहीं बल्कि देश के उत्तर-पूर्व के किसी दूसरे राज्य से शुरू होगा. यह एक दुर्लभ घटना होगी. उन्होंने यह भी बताया है कि जून से सितंबर महीने तक मानसून के दौरान दीर्ध अवधि में सामान्य से अधिक 106 फीसदी बारिश दर्ज होगी. आपको बता दें, देश के उत्तर-पश्चिम में सामान्य, उत्तर-पूर्व में सामान्य से कम, मध्य और दक्षिण में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी. वहीं बात करें इन हिस्सों के राज्यों की तो इसमें गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार में मानसून आधारित कृषि क्षेत्रों के बड़े हिस्से में अच्छी बारिश होगी.