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रांची/डेस्क: आज ‘केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल’ यानी CRPF का स्थापना दिवस है. आज के दिन, 27 जुलाई 1939 को मध्य प्रदेश के ‘नीमच’ (जिसे ‘North India Mounted Artillery and Cavalry Headquarters’ का संक्षेप माना जाता है) नामक स्थान पर इस बल की आधारशिला रखी गयी थी. प्रारम्भ में मात्र 1 हजार (1 BATTALION) की संख्या वाला यह बल आज भारत का सबसे बड़ा सशस्त्र बल है .जिसने अपने 8 दशकों की यात्रा में कीर्ति के अनेकों प्रतिमान स्थापित किये हैं.
यह वही सशस्त्र बल है, जिसके 10 जांबाज जवान 21 अक्टूबर,1959 को जब तिब्बत के साथ भारत की सीमा की रक्षा करते हुए, चीनी सेना से बहादुरी से लड़ते हुए लद्दाख के हाट -स्प्रिंग में शहीद हो गये थे. राष्ट्र रक्षा में प्राणों की आहुति देने वाले इन्ही अमर जवानों के बलिदान के स्मरण में प्रति वर्ष सभी केंद्रीय बलों तथा पुलिस बलों द्वारा संयुक्त रूप से 21 अक्टूबर को ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
यह वही सशस्त्र बल है जिसकी मात्र दो कम्पनी ने 9 अप्रैल 1965 को गुजरात के ‘सरदार-पोस्ट’ पर पाकिस्तान की पूरी सुसज्जित बिग्रेड के हमले को नाकाम कर अपने अदम्य साहस का परिचय दिया था. बल के वीर जवानों के पराक्रम और युद्ध कौशल का यह उद्धरण आधुनिक युग के सबसे महानतम युद्ध की गाथाओ में से एक है.
यह वही सशस्त्र बल है. जो अपने शौर्य की सततता को अनवरत रखते हुए कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश के कोने कोने में तैनात है. और अपने अंदर समाहित अप्रतिम शौर्य, त्याग और बलिदान की उत्कट पराकाष्ठा से परिपूर्ण राष्ट्र की सेवा में अपनी अप्रतिम निष्ठा के साथ संलग्न हैं .पंजाब के विघटनकारी तत्वों को निर्मूल करने वाले CRPF के योद्धा जो एक तरफ आतंकवादियों से लोहा लेते हुए कश्मीर की दुर्गम घाटियों में और कठिन कठिन सैन्य अभियानों के साथ छत्तीसगढ़, झारखंड और अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों की बारूदी पकडंडियों पर चलते हुए तथा अशांत मणिपुर के दुर्गम क्षेत्रों में शांति स्थापना के लिए प्रतिबद्ध उत्कर्ष की अगणित गाथाओं का सृजन कर रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर इस बल के सदस्य SPG, NSG जैसे उत्कृष्ट संगठनों एवं सीआरपीएफ के VSG विंग में सेवारत रहते हुए देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से लेकर अनेको अतिविशिष्ट गणमान्य-जनों की अचूक सुरक्षा को भी सुनिश्चित कर रहे हैं. NDRF के सदस्य के रूप में आपदा-राहत कार्यों में लगे CRPF के जवानों की कर्मनिष्ठा अप्रतिम है तो दंगो से उपजी आन्तरिक अशांति के शमन के लिय रैपिड एक्शन फ़ोर्स (RAF) की नीली वर्दी में उपस्थिति मात्र ही पर्याप्त हो जाती है. वहीं घोर नक्सलवादी क्षेत्रो में CRPF के ‘CoBRA’ कमांडोज के परिचालनिक अभियानों ने अपराजेय होने का दावा करने वाले दुर्दांत नक्सलियों की कमर तोड़ कर रख दी है. भारतीय लोकतंत्र के मंदिर ‘संसद-भवन’ पर 13 दिसम्बर 2001 को हुए आतंकी हमले से समूची संसद को पूर्णतः सुरक्षित रखते हुए आतंकवादियों को नेस्तनाबूद करने वाले, श्रीराम जन्म भूमि पर 2005 में हुए आतंकी हमलो में शौर्य के प्रतिमान स्थापित करने वाले इस महान बल के सदस्यों के गौरव गाथाओ की एक सुदीर्घ श्रृंखला है. नक्सलवाद और आतंकवाद की धधकती बेदी पर छत्तीसगढ़ के ताडमेटला में 6 अप्रैल 2010 को एक साथ 75 जवानों के उत्सर्ग और कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को 40 जवानों के सर्वोच्च बलिदान जैसी त्याग की अनेकों अप्रतिम गाथाओं से इस बल की इतिहास भरा पड़ा है .राष्ट्र के विघटनकारी तत्वों लड़ते हुए हर वर्ष शौर्य और पराक्रम के लिए मिलने वाले वीरता के पदकों की तालिका में इस बल का नाम पिछले कई वर्षों से अग्रगण्य बना हुआ है.
यह वही सशस्त्र बल है जिसने न सिर्फ भारत अपितु दुनिया के अनेकों देशों में अपने शौर्य का परचम लहराया है .भारतीय पुलिस बलों के इतिहास में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के हिस्से के रूप में सबसे पहली तैनाती का सौभाग्य सीआरपीएफ के नाम से ही दर्ज है, जब उसे साइप्रस में तैनात किया गया .श्रीलंका में उग्रवादी गतिविधियों के उन्मूलन के लिए ‘इन्डियन पीस कीपिंग फ़ोर्स’ के रूप में कार्य करते हुए और मालदीव में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना में भारतीय सेना के साथ ओपरेशन कैक्टस में सीआरपीएफ की भूमिका चिरस्मरणीय रहेगी .इसके अलावा हैती, नामिबिया, सिएरा लियोन, कोसोवो, लाइबेरिया, सूडान, कांगो, आदि देशों में भी सीआरपीएफ ने अपनी पेशेवर दक्षता, अनुशासन, और कर्तव्यपरायणता का प्रदर्शन किया है. संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सीआरपीएफ की भूमिका ने भारत को वैश्विक शांति और सुरक्षा में योगदान देने वाले प्रमुख देशों में से एक के रूप में स्थापित किया है. सीआरपीएफ वर्तमान में दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के हिस्से के रूप में तैनात है जो स्थानीय संघर्षों को रोकने और उस राष्ट्र की शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्य कर रहा है. इसके अलावा इस बार पेरिस ओलम्पिक के दौरान बल के विशेष प्रशिक्षित श्वान दस्ते अपनी सेवाए प्रदान कर रहे हैं.
इस गौरवशाली इतिहास के सूत्रधार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सभी बलिदानी सपूतों जिन्होंने वतन की वतन की धधकती बलिवेदी पर अपना सर्वस्व निछावर कर दिया, उन सभी अमर शहीदों को इस अवसर पर शत शत नमन है तथा अपने शौर्य, पराक्रम, सेवा, त्याग और बलिदान के साथ अपने कर्तव्य पथ पर अपने लहू की अंतिम बूंद तक निछावर करने वाले, दुश्मन के सामने चट्टान बनकर खड़े देश के इन अपराजेय योद्धाओ को बल के स्थापना दिवस की अनेको शुभकामनाये.