अमित दत्ता/डेस्कः
बुंडू/डेस्कः भारत की पहली जनक्रांति के नायक सिदो-कान्हू, चाँद-भैरव और फूलो-झानो की क्रांतिकारी विरासत को नमन करते हुए भाकपा (माले) ने बुंडू के हुमटा गांव में हूल दिवस मनाया. कार्यक्रम की शुरुआत शहीदों की तस्वीर पर माल्यार्पण और एक मिनट के मौन के साथ की गई.
सभा में वक्ताओं ने कहा कि महाजनी प्रथा, जमीन बंदोबस्ती, और बाहरी दखल के खिलाफ संथालों ने अंग्रेज हुकूमत और जमींदारों के विरुद्ध जो संघर्ष छेड़ा था, वह आज भी प्रासंगिक है. आज, जब कार्पोरेट-फासीवादी गठजोड़, विशेषकर मोदी सरकार और अडानी जैसे पूंजीपतियों की मिलीभगत, जल-जंगल-जमीन को हड़पने में जुटे हैं, तो हुल-उलगुलान की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष तेज करना होगा.
सभा में यह भी घोषणा की गई कि 4 जुलाई को बुंडू में आयोजित होने वाली कॉमरेड परमेश्वर सिंह मुंडा की शहादत संकल्प सभा को सफल बनाने के लिए पूरे क्षेत्र में जनसंपर्क और जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख साथियों में:
रामेश्वर मुंडा, कालिपद मुंडा, पुष्कर मुंडा, पूर्णचंद्र मुंडा, सोमबारी मुंडा, अघनू मुंडा, लखिन्द्र मुंडा, अनंत मुंडा, देवदीप मुंडा, बिनोता मुंडा और चंद्र प्रमाणिक शामिल थे.
सभा के अंत में सभी ने मिलकर "हुल क्रांति जिंदाबाद", "जल-जंगल-जमीन पर हक हमारा" और "अडानी-कार्पोरेट की लूट बंद करो" जैसे नारों के साथ जनआंदोलन को तेज करने का संकल्प लिया.