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रांची/डेस्क: रिम्स की चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर दिव्या सिंह समाज के लिए एक प्रेरणा हैं. दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और लगातार 10 वर्षों से रिम्स में बतौर डॉक्टर सेवा दे रही हैं. व्हीलचेयर पर होने के बावजूद डॉ. दिव्या अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और मेहनत से निभा रही हैं.
डॉ. दिव्या का मानना है कि दिव्यांग होना कोई पाप नहीं है. उन्होंने कहा कि समाज अब भी दिव्यांगों को अलग नजर से देखता है, जो कि पूरी तरह गलत है. हर व्यक्ति में कोई न कोई क्षमता जरूर होती है, ज़रूरत सिर्फ उसे पहचानने और अवसर देने की होती है.
डॉ. दिव्या ने बताया कि जीवन में मुश्किलें जरूर आती हैं, लेकिन अगर ठान लिया जाए तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ डॉक्टर बनना नहीं था, बल्कि यह साबित करना था कि दिव्यांगता कभी भी सफलता की राह में रुकावट नहीं बन सकती. आज डॉ. दिव्या सिंह रिम्स में कई बच्चों की जिंदगी संवार रही हैं और समाज को एक नया नजरिया दे रही हैं हौसला, आत्मविश्वास और सेवा का.