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रांची/डेस्क: भाजपा प्रदेश महामंत्री एवम सांसद प्रदीप वर्मा ने कांग्रेस के झारखंड प्रभारी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. डॉ वर्मा ने कहा कि माननीय न्यायालय ने बिहार में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम को सही ठहराया है. आम जनता में भी इसे लेकर कोई परेशानी नहीं है, लेकिन इंडी गठबंधन के घटक दल कांग्रेस, राजद, झामुमो इसे तुष्टीकरण के चश्मे से देख रहे हैं और यही कारण है कि वे इसका विरोध कर रहे.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास संवैधानिक संस्थाओं के विरोध से भरा हुआ है. जब इनके सोच के अनुकूल संस्थाएं कार्य नहीं करती तो ये पार्टियां उनकी विरोधी हो जाती है. आज ये लोग चुनाव आयोग, ईडी,सीबीआई सब के विरोधी बने हैं. आज ये जिस न्यायालय में याचिका दायर करते हैं उसी न्यायालय के फैसले को सत्ता मद में बदला है. राहुल गांधी जी ने तो अपनी पार्टी की सरकार के फैसले को भी चौराहे पर फाड़ दिया था.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को न लोकतंत्र में विश्वास है और न संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर.ये परिवारवादी पार्टियां परिवार के कानून से चलती हैं और देश को भी चलना चाहती हैं. कहा कि आज झारखंड में शेड्यूल 5 के तहत पेसा कानून लागू करने से कांग्रेस पार्टी भाग रही.ये पेसा पर गोल मटोल जवाब दे रहे. यहां भी तुष्टीकरण का भूत इनपर सवार है. अपनी धार्मिक परंपरा,रीति रिवाज संस्कृति से कटे समाज को भी ये पारम्परिक कानून व्यवस्था में शामिल करना चाहते हैं.
सांसद प्रदीप वर्मा ने कहा कि आदिवासी, दलित, पिछड़ा विरोध से कांग्रेस का इतिहास भरा हुआ है. पहली बार देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन होने जा रही आदिवासी महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार का कांग्रेस ने केवल विरोध नहीं किया बल्कि अपमान भरे शब्द भी बोले. कहा कि दलित को केवल वोट बैंक बनाने वाली कांग्रेस आज किस मुंह से दलित की आवाज बनेगी.बाबा साहब अम्बेडकर का अपमान दलित समाज भुला नहीं है. पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं देने वाली कांग्रेस,मंडल कमीशन रिपोर्ट को वर्षों तक ठंडे बस्ते में डालने वाली कांग्रेस कभी भी पिछड़ों की हितैषी नहीं हो सकती. कहा कि अच्छा होता कांग्रेस पार्टी को जो जनादेश मिला है उसके अनुकूल काम करती .लेकिन आज कांग्रेस पार्टी अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने केलिए जनता का ध्यान भटकाती रहती है.