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रांची/डेस्कः झारखंड के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने हूल दिवस के मौके पर भोगनाडीह में हुई घटनाओं को लेकर झारखंड सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने झामुमो, कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार पर आदिवासी हितों की अनदेखी और राजनीतिक दमन का आरोप लगाया है.
बाउरी ने कहा कि सरकार आदिवासी हितैषी होने का सिर्फ दिखावा करती है, जबकि जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है. उन्होंने आरोप लगाया कि शहीद सिदो-कान्हू की पवित्र भूमि भोगनाडीह में आयोजित हूल दिवस कार्यक्रम में सबसे पहले शहीदों के वंशजों को ही भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद, जब स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध जताया, तो पुलिस ने तीर चलाने की घटनाओं के बीच लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लिया.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने इसे "दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक" बताते हुए कहा, "जिस भूमि से आदिवासी अस्मिता की गूंज उठती है, वहां राजनीतिक अहंकार और सरकारी दमन की छाया पड़ना बेहद चिंताजनक है." उन्होंने पूछा, "क्या यही है आदिवासी हितैषी सरकार का असली चेहरा?" बाउरी ने कहा कि सरकार आदिवासियों की आवाज़ दबा रही है और इतिहास के सम्मान के साथ खिलवाड़ कर रही है. इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में एक बार फिर आदिवासी सम्मान और सरकारी रवैये को लेकर बहस छेड़ दी है.