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रांची/डेस्कः कोल इंडिया (BCCL) के बस्ताकोला कोलियरी से बड़ी खबर सामने आई है. बुधवार को सीबीआई ने एक क्लर्क और सीएमपीएफओ (कोल माइन्स प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन) के एक अधिकारी को घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार, रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि की निकासी के लिए एक पीड़ित कर्मी लगातार बीसीसीएल के बस्ताकोला कोलियरी कार्यालय का चक्कर लगा रहा था. इस दौरान बीसीसीएल के क्लर्क धीरज निषाद ने पीड़ित से पैसे की मांग की. परेशान होकर रिटायर कर्मचारी ने इस मामले की शिकायत सीबीआई से की, और इसके बाद सीबीआई ने कार्रवाई शुरू की.
CBI ने जाल बिछा कर दबोचा
सीबीआई ने शिकायत के बाद मामले की जांच की और पाया कि आरोपी क्लर्क और सीएमपीएफओ के अधिकारी द्वारा घूस की मांग की जा रही थी. इसके बाद सीबीआई की टीम ने बस्ताकोला कोलियरी कार्यालय में दबिश दी और क्लर्क धीरज निषाद को 20,000 रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया. CBI एसपी पीके झा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि धीरज निषाद ने रिटायर कर्मी से रिश्वत की मांग की थी, जिसके बाद कर्मी ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई. जांच के बाद मामला सही पाया गया और सीबीआई की टीम ने जाल बिछाया.
इसके बाद सीबीआई ने बस्ताकोला कोलियरी के कार्यालय से धीरज निषाद को गिरफ्तार करने के बाद सीएमपीएफओ कार्यालय का रुख किया. वहां धीरज निषाद ने रिश्वत के 20,000 रुपये विष्णु प्रसाद गुप्ता को सौंपे. सीबीआई की टीम ने मौके पर पहुंचकर गुप्ता को भी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. इस पूरी कार्रवाई से साफ हो गया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई की सक्रियता ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है, जो कि सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार को उजागर करती है.