प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:चलकुशा प्रखंड क्षेत्र के मनैया पंचायत अंतर्गत बनगांवा गांव में मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत बिरसा सिंचाई कूप निर्माण में भारी गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। इस संबंध में ग्राम निवासी सविता कुमारी, पति त्रिलोकी साव ने 11 जून को प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अमृता सिंह को लिखित आवेदन देकर शिकायत की थी।
शिकायत में सविता देवी ने बताया कि उन्हें मनरेगा के तहत बिरसा सिंचाई कूप की स्वीकृति मिली थी, और रोजगार सेवक द्वारा कार्य शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कूप की खुदाई प्रारंभ भी कर दी थी, परंतु अभी तक उन्हें मजदूरी का कोई भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि मजदूर लगातार बकाया मजदूरी की मांग कर रहे हैं, जिससे वे भारी कर्ज में डूब गई हैं।
बीडीओ ने की चार स्तर पर जांच
बीडीओ अमृता सिंह ने शिकायत के बाद चार बार पत्र जारी कर मामले की जांच की और गंभीर अनियमितता पाई:
1. 25 जून को जारी पत्र (ज्ञाप. संख्या 731) में बताया गया कि स्थल निरीक्षण के दौरान कूप निर्माण पाया गया, लेकिन वह काफी पुराना प्रतीत हो रहा है। सभी रोजगार सेवकों को पुराने एवं नवनिर्मित कूपों की स्थल जांच कर ही भुगतान करने का निर्देश दिया गया।
2. 19 जुलाई को योजना संख्या 3416015015/IF/7080904103671 की जांच में पाया गया कि जिस स्थल पर कूप निर्माण दिखाया गया, वहां कोई कार्य नहीं हुआ था। फिर भी मास्टर रोल संख्या 7214 एवं 8316 के माध्यम से ₹30,456 की निकासी की गई।
3. 25 जुलाई को बीडीओ ने रोजगार सेवक से जवाब मांगा और स्पष्ट किया कि बिना कार्य कराए राशि निकासी, और मशीनों के उपयोग की पुष्टि हुई है, जो मनरेगा अधिनियम का उल्लंघन है।
4. 31 जुलाई को अंतिम जांच में पुष्टि हुई कि MIS (मनरेगा सॉफ्ट) पर कूप निर्माण दर्शाकर फर्जी तरीके से भुगतान लिया गया।
अब इनसे वसूले जाएंगे ₹30,456:
इस मामले में बीडीओ ने पांच जिम्मेदार लोगों से वसूली के आदेश जारी किए हैं:
- रोजगार सेवक संतोष कुमार से ₹6,092
- पंचायत सचिव कारू राणा से ₹6,092
- मुखिया लखिया देवी से ₹6,092
- कनीय अभियंता मुकेश कुमार और एई रविन्द्र सैनी से संयुक्त रूप से ₹9,137
क्या बोले अधिकारी?
बीडीओ ने स्पष्ट किया है कि बिना स्थल सत्यापन के किसी भी योजना की राशि निकासी न की जाए, अन्यथा दोषी कर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी और जिला स्तर पर सूचना भेजी जाएगी।
यह मामला न केवल सरकारी धन के दुरुपयोग को उजागर करता है, बल्कि मनरेगा जैसी गरीबों के लिए बनी योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही को भी दर्शाता है। अब निगाहें जिला प्रशासन और जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर टिकी हैं।
इस मामले में मुखिया लखिया देवी से पुछे जाने पर बताई कि मुझे किसी भी तरह की इस संबंध में जानकारी नहीं है और ना ही कोई नोटिस प्राप्त है।
इस संबंध में रोजगार सेवक संतोष कुमार ने बताया कि 11 जून को लाभूक के द्वारा बीडीओ को दिए गए आवेदन पत्र के आलोक में बीडीओ के द्वारा मुझे भुगतान हेतु मौखिक निर्देश दिया गया था। जिसके बाद 14 जून को डिमांड लगाया गया। योजना संबंधित जांच का उल्लेख ज्ञांपन 731 दिनांक 25 जून 2025 एवं पत्रांक 878 दिनांक 19 जुलाई 2025 में किया गया है। बीडीओ द्वारा जारी किए गए दोनों पत्रांक में अलग अलग मंतव्य दिया गया है।जो कार्यालय के व्हाट्सएप ग्रूप में देखा हूं।
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