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रांची/डेस्क: झारखंड के धनबाद जेल में अमन सिंह के हत्या करवाने के लिए मोबाइल पर कोर्ड वर्ड का इस्तेमाल कर दो ब्रेटा पिस्टल मंगवाया गया था, जिसके बाद गोली मारकर हत्या कर दिया गया था, मौके पर ही उनकी मौत हो गयी थी. जिसके बाद से मौत के पीछे की पहेली सुलझाने में सीआईडी टीम लगी थी.
अमन सिंह मर्डर केस में झारखंड सीआईडी की पूरक चार्जशीट के अनुसार, मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें जौनपुर के निवासी राहुल सिंह राजपूत ने जांच एजेंसी को अहम जानकारी दी है, उनके बयान को धारा 164 के अनुसार दर्ज किया गया है. इस मामले में अब तक रितेश यादव उर्फ सुंदर महतो, विकास कुमार उर्फ विकाश बजरंगी, सतीश कुमार उर्फ गांधी, चंदन यादव उर्फ ब्रजेश यादव, सहजाद कुरैशी, बंटी उर्फ धनु वर्मा, पिंटू सिंह उर्फ जयनेंद्र कुमार, अभिमन्यु कुमार सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है.
जेल में हुआ था विवाद :
राहुल अमन सिंह का करीबी था, राहुल उनके गैंग का सदस्य वैभव यादव से मिलने विकास बजरंगी के वार्ड में गया था, जहां उसे गैंगस्टर अमन सिंह और कतरास के कोयला कारोबारी मनोज यादव के हत्यारे विकास बजरंगी के बीच हुई बहस का पता लगा था, जिसमें अमन सिंह ने विकास बजरंगी के घर वालों को मारने की धमकी दी थी और विकास बजरंगी ने भी उन्हें मारने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद राहुल ने विकास को किसी से फोने पे बात करते हुए सुना था जिसमें वो कोर्ड वर्ड में दो सेट और 40 चना भेजवाने की बात कर रहा था. साथ ही खाने के पैकेट में डालकर बहार खड़े सिपाही स्नेही को देने का निर्देश दिया था. सीआईडी जांच में यह भी पता लगाया गया है कि स्टोर रूम में सब्जियों के साथ पिस्टल भी रखा गया था.
सेवक बना हत्यारा:
अमन सिंह को अपनी जान का खतरा था, जिसकी वजह से वो जेल में बहुत कम लोग से मिलते थें. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 25 नवंबर को सुंदर जेल में आया था, वो दो दिन में अमन सिंह का करीबी बन गया, वो अमन सिंह का पैर दबाया करता था, लेकिन इन सब में अमन सिंह को कहां खबर था कि जो उनका सेवक बन कर साथ है उसके हाथों ही उनकी मौत लिखी हुई है. बताते चले कि वह जानबूझकर बाइक चेकिंग में जेल के अंदर आया था. पकड़ने के दौरान उसने अपने नाम के आगे महतो लगाकर खुद को स्थानीय बताया था, पूरे साजिश के साथ वो जेल पंहुचा और अमन सिंह को गोलियों से मारकर हत्या कर दी थी. जांच में यह मालूम हुआ है कि वह कोई सुंदर महतो नहीं है बल्कि रितेश यादव है.
इस मामले के बाद धनबाद में जेल की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाये जा रहे हैं कि कैसे एक गैंगस्टर की हत्या जेल में की गई. अभी भी पुलिस भगौड़े गैंगस्टर को पकड़ने में लगी हुई है, हालांकि, धनबाद में शांति के लिए बहुत कुछ करना बाकी है.