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रांची/डेस्कः Google Incognito से हर कोई वाकिफ होगा. आप भी होंगे. हो सकें तो शायद आप इसका इस्तेमाल भी कर रहें होंगे. क्योंकि यह Google Chrome का एक ऐसा फीचर था जिसके माध्यम से आप गूगल में क्या देख रहें या सर्च कर रहे हैं इसकी प्राइवेसी सिर्फ आपके पास ही होगी. प्राइवेसी की वजह से इस फीचर को हर कोई इसे सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. लेकिन यह फीचर अब पहले जैसा बिल्कुल भी नहीं रहा. इसका मुख्य वजह है California के कोर्ट में आया एक अहम फैसला..जिसके बाद गूगल ने Incognito मोड का सारा डेटा नष्ट करने के लिए हामी भर दी है. Incognito मोड फीचर के बारे में जो खबर सामने आई है उसे सुनकर आपके दिमाग कौंध जाएंगे. खासकर पोर्न देखने वाले तो, हो सके तो चिंता में ही पड़ जाए क्योंकि हमने आपको बताया कि यह फीचर अब पहले जैसा बिल्कुल भी नहीं रहा. दरअसल इस फीचर की पोल-पट्टी खुलकर सामने आ गई है. तो आईए हम आपको बताते है कि यह पूरा मामला आखिर क्या है.
गूगल के खिलाफ दर्ज हुआ 45 हजार करोड़ का मुकदमा
दरअसल यह पूरा मामला जनवरी 2020 का है जब गूगल के खिलाफ अमेरिका में कैलिफोर्निया के फेडरल कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया गया. दर्ज मुकदमा में यह आरोप लगाया गया कि गूगल..Incognito मोड में भी इस फीचर को यूज करने वाले यूजर का डेटा सेव करता है इतना ही नहीं यूजर की सारी एक्टिविटी को भी गूगल ट्रैक करने का काम करता है. आरोप यह भी लगाया गया है कि 1 जून 2016 से ही गूगल यूजर्स की सभी गतिविधी को ट्रैक करना शुरू कर दिया था. कोर्ट में गूगल से यह भी कहा गया कि वो कुल 5 अरब डॉलर (45 हजार करोड़ रुपये) का जुर्माना भरे या प्रत्येक Incognito यूजर को 5000 डॉलर यानी कि 4 लाख रुपये से ज्यादा का हर्जाना दें.
आपको बता दें, Incognito मोड का मतलब गूगल में एक ऐसा फीचर है जो जादू की तरह यूजर की छोटी से बड़ी सभी गतिविधि को छिपाकर गुप्त रखता है. यह एक ऐसी अनोखी और खुफिया विन्डो (खिड़की) है जिसके भीतर आपके अलावा और कोई नहीं जा सकता. इसके अलावे Incognito मोड में गूगल पर आप क्या सर्च कर रहे या क्या देख रहे है इसकी जानकारी केवल आपको ही पता रहेगा और अन्य किसी को भी नहीं इसका पता नहीं चलेगा. यानी कि ब्राउजिंग हिस्ट्री वाली सारी मिस्ट्री सॉल्व.
पोर्न देखने वालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं था Incognito
माना ऐसा भी जाता था. कि पोर्न देखने वालों के लिए Incognito मोड किसी वरदान से कम नहीं था. हालांकि Incognito मोड की प्राइवेसी को लेकर केस दर्ज होने के बाद गूगल ने अपना वैसा रूख ही अपनाया जैसा वह पहले से हमेशा से अपनाते आया है गूगल ने ऐसा कुछ ही होने से साफ मना कर दिया इतना ही नहीं थोड़ी होशियारी दिखाते हुए गूगल ने अपने ब्राउजर की शर्तों में जोड़ते हुए महीन अक्षरों में एक वाक्य (Sentence) लिखा जो इस प्रकार है.."Others who use this device won't see your activity, so you can browse more privately." यानी Incognito डिवाइस का प्रयोग करने वाले लोगों की गतिविधियों पर अन्य किसी की नजर नहीं पड़ेगी, इसलिए आप अधिक निजी रूप से इस ब्राउज़ का इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि इस वाक्य को जोड़ना गूगल को काफी भारी पड़ा.
Incognito मोड के करोड़ों-अरबों यूजर्स के डेटा नष्ट करेगा गूगल
मामले में केस दर्ज कराने के बाद जांच-पड़ताल होने पर इस बात का पता चला कि गूगल पर जो आरोप लगे थे वो सभी सही निकले. कोर्ट में मामले पर सुनवाई के दौरान अब गूगल ने कोर्ट से कहा है कि वो Incognito मोड के करोड़ों-अरबों यूजर्स के डेटा नष्ट कर देगा. अब गूगल के इस बड़े फैसले से यानी डेटा डिलीट होने पर आप खुश हो सकते हैं या एक्टिविटी रिकॉर्ड होने पर गम में डूब सकते है.