शयामानंद सिह/न्यूज11 भारत
बिहार/डेस्क: भागलपुर सुल्तानगंज अंचल में पिछले कई वर्षों से माफियाराज और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. क्षेत्र की जमीनों पर अवैध कब्जा, फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर मोटेशन और दलालों की मिलीभगत से चल रहे घोटालों ने आम जनता को बुरी तरह प्रभावित किया है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस पूरे नेटवर्क में न केवल दलाल, बल्कि कुछ राजस्व कर्मचारी, डीसीएलआर, एसडीएम और एडीएम स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं जिसको लेकर जन संसद भागलपुर के द्वारा आवाज बुलंद की गई और उसके संयोजक अजीत कुमार यादव ने कहां की ऐसे गोरख धंधा को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए वरना बड़ा आंदोलन होगा. उन्होंने कहा जिलाधिकारी महोदय ध्यान दें इस विषय को जल्द से जल्द जांच कारए और अंचलाधिकारी को गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम करें, उन्होंने यह भी साफ किया था की इस अवैध तरीके से जमीन बिक्री में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुल्तानगंज अंचल में करोड़ों रुपये की ज़मीन का अवैध तरीके से मोटेशन किया गया है. 1 जून 2018 को दाखिल दरखास्त संख्या 5787. इसका स्पष्ट प्रमाण है, जिसमें भागलपुर शहर की भूमि को सुल्तानगंज की जमीन दर्शाकर फर्जी मोटेशन किया गया. ऐसे दर्जनों मामलों में रेलवे और पहाड़ी इलाकों की भूमि तक का मोटेशन किया गया है. जनता को लंबे समय से मुआवज़े की राशि नहीं मिली है. कोर्ट के आदेशों का भी सही से पालन नहीं किया जाता.
ग्रामीणों का कहना है कि RT के माध्यम से जानकारी मांगने पर भी जानकारी नहीं दी जाती. ज़मीनों पर कब्ज़ा करवा कर पैसे की वसूली की जाती है, लेकिन पीड़ितों को वर्षों से राहत नहीं मिली. स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि वर्तमान अंचलाधिकारी इस पूरे भ्रष्ट तंत्र के केंद्र में हैं. वे पिछले छह वर्षों से अधिक समय से पद पर बने हुए हैं और पूर्ववर्ती सीओ के बाद लगातार सेवा दे रहे हैं. यही वजह है कि पूरे अंचल में अराजकता बनी हुई है और आम लोगों की सुनवाई नहीं हो रही. जनता ने नाराजगी जताई और आंदोलन की चेतावनी दी हैं. क्षेत्रीय जनता ने प्रशासन से मांग की है कि एक जिला स्तरीय जांच टीम गठित कर माफिया, दलाल और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र उचित कदम नहीं उठाया गया, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे.