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रांची/डेस्कः झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी अनुराग गुप्ता को लेकर हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डीजीपी अनुराग गुप्ता अब न अखिल भारतीय सेवा में हैं, ना सस्पेंड हो सकते हैं, ना उनपर कोई विभागीय कार्रवाई लागू होती है, ना तो उन्हें वेतन मिल रहा है कि मुख्यमंत्री Hemant Soren आप उनका वेतन रोक सकते हैं. लेकिन पुलिस विभाग के सारे तुगलकी आदेश वही दे रहे हैं. सिपाहियों तक की ट्रांसफ़र-पोस्टिंग कैसे ले-देकर हो रही है? पता कर लीजिये. कोई नहीं बताये तो हमें कॉल करियेगा, विस्तार से सब बता देंगे.
डीजीपी पद पर बैठे असंवैधानिक व्यक्ति ने असंवैधानिक तरीक़े से अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया
बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा कि 10 जून को 8 आईपीएस अधिकारियों को डीजीपी पद पर बैठे असंवैधानिक व्यक्ति ने असंवैधानिक तरीक़े से अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया तो इसमें हैरान होने वाली क्या बात है? बिना UPSC की सूची में नाम वाले व्यक्ति ने बिना मुख्यमंत्री की स्वीकृति, और बिना किसी विधिक अधिकार के ये सब कर दिय तो क्या बुरा किया?
आपको कैसे समझ में नहीं आ रही मुख्यमंत्री जी?
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सुना है अब गृह विभाग ने उसे रद्द कर “स्पष्टीकरण” मांगा है. स्पष्टीकरण किससे मांग रहे हैं? उस व्यक्ति से जिसे आप नियमों के दायरे में ला ही नहीं सकते? जब वे अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी रहे ही नहीं तो ज़ाहिर है वो अखिल भारतीय सेवा के नियम को क्यों मानेंगे? ये बात आपको कैसे समझ में नहीं आ रही मुख्यमंत्री जी? आपकी की चुप्पी और बेबसी क्या दर्शाती है?
या तो आपको पता नहीं, या आप पूरी तरह अयोग्य हैं
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि या तो आपको पता नहीं, या आप पूरी तरह अयोग्य हैं. या फिर आपको सब पता है कि इस हालात के लिये आप स्वयं दोषी हैं. यह कौन नहीं जानता है कि झारखंड के कुछ बेलगाम अफसर अब संविधान से नहीं, सत्ता के साथ ‘नेटवर्क’ से चलते हैं.