प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: झारखंड के जन वितरण प्रणाली से जुड़े लगभग 25,269 विक्रेताओं की आवाज अब बुलंद होती दिखाई दे रही है. लंबे समय से अपने अधिकारों और भुगतान की प्रतीक्षा कर रहे इन विक्रेताओं ने एकदिवसीय धरना के माध्यम से राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो राज्यभर के सभी जिला मुख्यालयों के समक्ष चरणबद्ध धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा. यह चेतावनी ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन, झारखंड शाखा के बैनर तले दी गई है, जिसके अंतर्गत चार पन्नों का विस्तृत ज्ञापन मुख्यमंत्री, खाद्य आपूर्ति मंत्री और जिला आपूर्ति पदाधिकारी को सौंपा गया है. ज्ञापन में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि राज्य के विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है.
कोरोना काल में वितरित खाद्यान्नों की बकाया राशि अभी तक नहीं दी गई है. मार्च 2023, सितंबर 2023, दिसंबर 2024, जनवरी 2025 और अप्रैल से जुलाई 2025 तक की कमीशन राशि का भुगतान न होना यह दर्शाता है कि राज्य सरकार की ओर से विक्रेताओं के हितों की उपेक्षा की जा रही है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत भी 18 महीने से कमीशन का भुगतान लंबित है, जिससे विक्रेताओं की आर्थिक रीढ़ टूटती जा रही है. सबसे गंभीर आरोप ई-वजन मशीन की जबरन खरीददारी को लेकर है. रिपोर्टिंग के नाम पर विक्रेताओं से 1700 रुपये से लेकर 2200 रुपये तक की वसूली की गई, जबकि वही मशीन बाजार में 200 से 300 रुपये में मिल रही है. ज्ञापन में कहा गया कि 1 अगस्त से सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय सांकेतिक धरना तथा मांगों की पूर्ति के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है. विक्रेताओं ने यह भी भरोसा दिलाया कि वे सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में पूर्ण सहयोग करने को तत्पर हैं, लेकिन इसके लिए सरकार को भी अपने कर्तव्यों को निभाना होगा. ज्ञापन पर नंदु प्रसाद, जिला अध्यक्ष हजारीबाग एवं सह-वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष झारखंड सहित अन्य जिलों के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हैं. यह विक्रेताओं की ओर से राज्य सरकार को दिया गया अंतिम अल्टीमेटम माना जा रहा है.