राजन पाण्डेय/न्यूज11 भारत
चैनपुर/डेस्कः चैनपुर प्रखंड की लगभग 200 आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं ने आज प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया. आंगनबाड़ी सेविका संघ की अध्यक्ष ममता गुप्ता ने बताया कि वे सभी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.ममता गुप्ता ने बताया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय में 2018 के बाद से कोई वृद्धि नहीं की गई है, जबकि वे पिछले 50 वर्षों से बाल विकास के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही हैं. उन्होंने याद दिलाया कि दिसंबर 2023 में भी उन्होंने धरना प्रदर्शन किया था, लेकिन उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला.
सेविकाओं और सहायिकाओं की मुख्य मांग:
मानदेय में बढ़ोतरी: वर्तमान में सेविकाओं को ₹10,500 मिलते हैं, जो आज की महंगाई में जीवनयापन के लिए अपर्याप्त है. कार्य अवधि और जिम्मेदारियां: सरकार के कागजों में उनका काम सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक एक ही पाली का है, लेकिन व्यवहार में उन्हें 24 घंटे काम करना पड़ता है. इसके अलावा, चुनाव संबंधी और स्वास्थ्य संबंधी कार्यों से उन्हें मुक्त करने के आदेश के बावजूद, विभाग इन आदेशों का पालन नहीं करता.
सरकारीकरण: सेविकाएं पिछले 50 वर्षों से सेवा दे रही हैं और सरकार से उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग कर रही हैं. वे चाहती हैं कि सेविका को तृतीय श्रेणी कर्मचारी और सहायिका को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित किया जाए.
सेवानिवृत्ति की आयु और लाभ: उनकी सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की जाए. साथ ही, सेवानिवृत्ति के समय सेविका को ₹10 लाख और सहायिका को ₹5 लाख का एकमुश्त भुगतान किया जाए.
पदोन्नति और अन्य लाभ: सेविकाओं को पदोन्नति का लाभ नहीं मिलता है. वे चाहती हैं कि पदोन्नति के लिए आयु सीमा हटाकर वरीयता के आधार पर पदोन्नति की जाए. इसके अलावा, सरकारी कर्मचारियों की तरह उन्हें भी पीएफ और ग्रेच्युटी जैसे लाभ दिए जाएं.
आज इस अवसर पर प्रखंड की सभी आंगनबाड़ी सेविकाएं मौजूद थीं, जिन्होंने अपनी मांगों को पुरजोर तरीके से प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए एक साथ पत्र पोस्ट किए.