Thursday, May 1 2025 | Time 08:56 Hrs(IST)
  • लातेहार के महुआडांड़ में नक्सली तांडव! कन्स्ट्रक्शन साइट पर किया हमला, कर्मी को मारी गोली
  • International Labour Day 2025: आखिर क्यों हर साल 1 मई को ही मनाया जाता है मजदूर दिवस? जानिए इसके पीछे की रोचक कहानी
  • LPG Price Reduced: 1 मई से सस्ता हुआ एलपीजी सिलेंडर, जानिए दिल्ली से लेकर चेन्नई तक का रेट
  • इनामी नक्सली फुलटू को रिम्स ने कैदी वार्ड में भर्ती करने से किया इनकार
  • NEET UG 2025: NTA ने जारी किया परीक्षा का एडमिट कार्ड, कैंडिडेट्स इन बातों का रखें ध्यान
  • दूध के दाम में एक बार दिखा उबाल! Amul दूध ने बढ़ाया रेट, आज से हर घूंट पड़ेगा थोड़ा महंगा
  • Rules Change: आज 1 मई से बदल गए हैं ये नियम, जानिए क्या-क्या बदला
  • Jharkhand Weather Update: झारखंड में मौसम ने बदली चाल! कहीं धूप तो कहीं बारिश जानें आज का वेदर अपडेट
झारखंड


बीआईटी मेसरा में डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग में Admission शुरू

जानें- कब से कब तक कर सकते हैं आवेदन
बीआईटी मेसरा में डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग में Admission शुरू

रांची: यूनिवर्सिटी पॉलिटेकनिक बीआईटी, मेसरा में डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग Open round (Against Vacant Seats) के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 6 सेमेस्टर के कोर्स में सभी कोटि के इच्छुक स्टूडेंट्स एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं. संस्थान की ओर से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. आवेदन करने की अंतिम तिथि 19 सितंबर 2021 की संध्या 5 बजे तक है. मेरिट लिस्ट 20 सितंबर को जारी किया जाएगा. जबकि, साक्षात्कार और चयन सूची 21 सितंबर को जारी होगा. एडमिशन की अंतिम तिथि 24 सितंबर निर्धारित की गई है. एडमिशन से संबंधित ज्यादा जानकारी लेने व एडमिशन फॉर्म संस्थान के वेबसाइट univpoly.bitmesra.ac.in पर online भरा जा सकता है. कोविड महामारी कि स्थिति में अगर कुछ परिवर्तन होता है तो उसकी जानकारी भी website पर उपलब्ध कराई जाएगी. यह सूचना विश्वविद्यालय पॉलिटेक्निक के निदेशक और आदिवासी कल्याण आयुक्त ने संयुक्त रूप से जारी की है. मालूम हो कि विश्वविद्यालय पॉलिटेकनिक, मेसरा झारखंड सरकार के कल्याण विभाग व बीआईटी, मेसरा का एक संयुक्त कार्यक्रम है. यह पूर्णतः आवासीय संस्थान है. 


 

इन कोर्सों में ले सकते हैं एडमिशन

 

- ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग

- कम्प्यूटर इंजीनियरिंग

- मैकेनिकल इंजीनियरिंग

- मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रोडक्शन

- इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग

- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग

 

यह है निर्धारित शैक्षणिक योग्यता

 

6 में से किसी भी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित है. इसके तहत 2019, 2020 या 2021 में मैट्रिक या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है. इसके साथ ही गणित एवं विज्ञान के प्राप्तांक का प्रतिशत अनारक्षित वर्ग और अन्य पिछड़ी जाति के लिए 60 प्रतिशत या ज्यादा, अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लिए 45 प्रतिशत या ज्यादा, आदिम जनजाति के लिए 35 प्रतिशत या ज्यादा रखा गया है. सभी श्रेणी के छात्रों का चयन विज्ञान व गणित में प्राप्तांक के जोड़ का प्रतिशत के आधार पर होगा. 

 

झारखंड के निवासी ही कर सकते हैं आवेदन

 

इन सभी कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन सिर्फ झारखंड के निवासी ही कर सकते हैं. दरअसल कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग द्वारा निर्गत पत्र संख्या 19.07.2019 के अनुसार अंचलाधिकारी (CO) अथवा उच्चतर स्तर द्वारा निर्गत ऑनलाइन स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र ही मान्य होगा. 

 

30 जून 2021 तक यह होनी चाहिए अधिकतम आयु

 

- सामान्य कोटि एवं अन्य पिछड़ी जाति के लिए 19 वर्ष निर्धारित की गई. 

- अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लिए 24 वर्ष निर्धारित की गई.

 

अधिक खबरें
Jharkhand Weather Update: झारखंड में मौसम ने बदली चाल! कहीं धूप तो कहीं बारिश.. जानें आज का वेदर अपडेट
मई 01, 2025 | 01 May 2025 | 6:57 AM

झारखंड में आज मौसम का मिजाज बदला-बदला सा रहने वाला हैं. मई की शुरुआत के साथ झारखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ली हैं. एक ओर जहां अप्रैल की भीषण गर्मी से लोग बेहाल थे. वहीं अब लगातार हो रही बारिश और तेज हवाओं ने मौसम को सुहाना बना दिया हैं. लेकिन यही सुहावना मौसम वज्रपात और तूफान के चलते खतरे का संकेत भी दे रहा हैं. मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया हैं.

'वक्फ कानून' के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में ब्लैकआउट, लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से किया अनोखा विरोध प्रदर्शन
अप्रैल 30, 2025 | 30 Apr 2025 | 9:21 AM

केंद्र सरकार के 'वक्फ कानून' के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों ने विरोध के तहत रात 9:00 बजे से 9:15 बजे तक बिजली बंद रखी. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील के बाद यह किया गया. यह प्रतीकात्मक ब्लैकआउट विरोध घर, दुकान और मोहल्लों में किया गया है. ऐसे में रांची के हिंदपीढ़ी, आजाद बस्ती, डोरंडा, पुंदाग, बरियातू, कांके जैसे कई क्षेत्रों में अंधेरा छाया था. लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से एकजुटता और असहमति जताई. सोशल मीडिया पर भी इस विरोध को व्यापक समर्थन मिला.

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने केंद्रीय कैबिनेट के जातिगत जनगणना के फैसले का किया स्वागत
अप्रैल 30, 2025 | 30 Apr 2025 | 8:55 PM

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने केंद्रीय कैबिनेट के जातिगत जनगणना के फैसले का स्वागत किया है. इसे लेकर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हे लिखा, "जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी. केन्द्र की मोदी सरकार ने आज सामाजिक न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का निर्णय वास्तव में सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कांग्रेस ने कई दशकों तक सत्ता में रहते हुए जिस पिछड़े/ वंचित समाज को अधिकारों से दूर रखने का षड्यंत्र किया, उनके समावेशन एवं सशक्तिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है."

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च संस्थान में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने की बैठक
अप्रैल 30, 2025 | 30 Apr 2025 | 7:48 PM

कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने हैदराबाद दौरा के अंतिम दिन मोटे अनाज की देश भर में बढ़ती मांग और खोज को लेकर अधिकारियों संग बैठक की . हैदराबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिल्लेट्स रिसर्च संस्थान में मोटे अनाज पर किए जा रहे अनुसंधान से मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की काफी प्रभावित नजर आई . वर्तमान में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिल्लेट्स रिसर्च संस्थान बाजार की मांग के अनुरूप हर तरह के खाद्य पदार्थ को तैयार करने में जुटी है

विधानसभा नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने केंद्रीय कैबिनेट के जातिगत जनगणना के फैसले का किया स्वागत
अप्रैल 30, 2025 | 30 Apr 2025 | 7:14 AM

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधानभा नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने केंद्र सरकार द्वारा आज कैबिनेट में पूरे भारत में जातिगत जनगणना करवाने का निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने इस फैसले को सराहनीय कदम बताया है. उन्होंने कहा, "अब वोटबैंक की नहीं, वास्तविक सामाजिक न्याय की बात होगी. दशकों से इस मुद्दे को कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने जातिगत जनगणना का इस्तेमाल केवल चुनावी हथियार की तरह करते आए हैं. अब जातिगत जनगणना समय की मांग बन चुकी है. समय आ गया है कि टुकड़ों में कराई जा रही राज्य स्तरीय, असंगत और अपारदर्शी गणनाओं को छोड़ा जाए और पूरे देश के लिए एक समान, विश्वसनीय व तथ्य-आधारित जातिगत जनगणना को अपनाया जाए. सही मायनों में सामाजिक न्याय की ओर कदम बढ़ाते हुए जातिगत जनगणना को स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार."