गौरव पाल/न्यूज 11 भारत
बहरागोड़ा/डेस्क: बहारागोड़ा कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद (ICPR), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन की शुरुआत हुई. संगोष्ठी का विषय था— “हीलिंग अर्थ, हीलिंग सेल्फ: पर्यावरण, स्वास्थ्य और आंतरिक शांति”.इस संगोष्ठी में पटना विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (आरा), भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, रांची विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, सरला बिरला विश्वविद्यालय सहित अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों के विद्वानों, शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने सहभागिता की. सभी ने योग, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य और आंतरिक शांति जैसे ज्वलंत विषयों पर अपने विचार साझा किए.
मुख्य वक्ता प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद (NIT जमशेदपुर) ने योग को दैनिक जीवन में अपनाने और पृथ्वी को स्वच्छ रखने के व्यावहारिक पक्षों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है.
पटना विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर एन.पी. तिवारी ने योग की संपूर्ण यात्रा को विस्तार से समझाते हुए इसके आध्यात्मिक और सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला.
डॉ. आभा झा ने योग के विविध पहलुओं पर जानकारी प्रदान की और युवाओं को इसके लाभों से अवगत कराया.
संगोष्ठी के अध्यक्ष डॉ. भूषण डॉक्टर बालकृष्ण बेहरा ने विषय प्रवेश कराते हुए भारतीय दर्शन और योग पर आधारित जीवनशैली की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला.इस संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ. डुमरेन्द्र राजन (दर्शनशास्त्र विभाग, बहारागोड़ा कॉलेज) रहे.
यह राष्ट्रीय संगोष्ठी पर्यावरणीय चेतना, स्वास्थ्य संवर्धन और मानसिक शांति के क्षेत्र में समाज में जागरूकता लाने की दिशा में एक सार्थक पहल होगी. कॉलेज के सभी विभाग के शिक्षकों के अलावा छात्रों की उपस्थित रहे.
यह भी पढ़ें: चांडिल के कुकड़ू प्रखंड सभागार में बीएलओ प्रशिक्षण का हुआ आयोजन, आवश्यक प्रशिक्षण व दिशा-निर्देश दिये गये
https://www.news11bharat.com/blo-training-was-organized-in-kukru-block-auditorium-of-chandil-necessary-training-and-guidelines-were-given/jharkhand/news/69617.html