अमित दत्ता/न्यूज़11 भारत
बुंडू/डेस्क: शहर में साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया तरीका अपनाया है, जो लोगों को चौंका रहा है. इस बार ठगों ने बच्चों को मोहरा बनाया है. 12 से 14 वर्ष के बच्चे, मासूम चेहरे और सरल बातों के सहारे लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, एक लड़का आपके घर या दुकान पर आएगा और पूछेगा कि क्या यहां टाइल्स, इलेक्ट्रिक या अन्य निर्माण कार्य चल रहा है. वह हर किसी से अलग-अलग बहाने से बात करेगा. फिर वह कहेगा –
“मेरे पापा टाइल्स का काम करते हैं, उनसे बात करनी है, जरूरी काम है."
अगर आप कहें कि उसके पिता यहां काम नहीं कर रहे, तो वह आपसे मोबाइल मांगेगा और कहेगा –
“मेरे पास पापा का नंबर है, बस एक बार आपके मोबाइल से बात कर लूं."
जैसे ही आप मोबाइल देते हैं, वह बच्चा कुछ देर बात करने या कोई नंबर मिलाने का बहाना कर मोबाइल से छेड़छाड़ करता है. संभावना है कि वह किसी साइबर फिशिंग लिंक, सेटिंग, ओटीपी या ऐप के जरिए ठगी की प्रक्रिया शुरू करता है.
इस घटना की पुष्टि विधायक प्रतिनिधि हर्षवर्धन शर्मा ने की है. उन्होंने बताया कि यह कोई अफवाह नहीं है, बल्कि एक वास्तविक घटना है, जिसके गवाह भी मौजूद हैं. उन्होंने जनता से आग्रह किया है कि इस प्रकार की चालबाज़ी से बचने के लिए हर कोई जागरूक और सतर्क रहे.
जनता से अपील:
अनजान व्यक्ति, विशेषकर बच्चों को अपना मोबाइल देने से सख्त परहेज करें.
मोबाइल में कोई संदिग्ध कॉल, लिंक या ऐप न खोलें.
ऐसी किसी भी घटना की तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल को सूचना दें.
अपने बच्चों, बुजुर्गों और दुकानदारों को इस प्रकार की ठगी के बारे में समझाएं.
भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में या घरों में बिना पुष्टि के किसी को प्रवेश न दें.