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रांची/डेस्कः- झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आगामी 24 जून को भाजपा द्वारा घोषित आक्रोश प्रदर्शन को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए तीखा हमला बोला है. झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि भाजपा राज्य की स्थिर सरकार को अस्थिर करने और जनता को भ्रमित करने की नाकाम कोशिश में एक बार भी जुटती दिख रही है. दिशाहीन भाजपा अपनी ताबूत में अंतिम कील ठोकने की दिशा में अग्रसर है.
झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि भाजपा को जनता ने 2019 में पूरी तरह नकार दिया था. सत्ता से बाहर होते ही भाजपा को राज्य में हर जगह अव्यवस्था नजर आने लगी, जबकि सच्चाई यह है कि हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के हर वर्ग के लिए काम किया है. चाहे वह किसानों की कर्ज माफी हो, स्थानीय युवाओं के लिए नियोजन नीति हो, या महिला सुरक्षा की दिशा में उठाए गए सख्त कदम.
उन्होंने कहा कि भाजपा वही पार्टी है जिसने अपने शासनकाल में न तो पेसा कानून लागू किया और न ही स्थानीय नीति बनाई. आज जब राज्य सरकार जनसरोकार से जुड़ी योजनाओं को जमीन पर उतार रही है, तब भाजपा सकारात्मक विपक्ष की भूमिका में नजर आने की बजाए दो तिहाही बहुमत से सत्ता में काबिज हुई सरकार पर झूठे आरोप लगाकर न सिर्फ जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है बल्कि जनादेश का अपमान करने से भी बाज नहीं आ रही. दरअसल सत्ता से बाहर भाजपा के प्रदेश नेताओं को दिल्ली में बैठे अपने आकाओं की ताकत का गुमान है. उसी ताकत का दुरुपयोग पिछली हेमंत सरकार को परेशान करने के लिए किया और अब एक बार फिर से भाजपा अपने पतन के उसी रास्ते पर चलने जा रही है.
झामुमो ने भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रियों और नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि वे अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए प्रदर्शन की राजनीति करने वाले हैं. जहां तक बात भ्रष्टाचार की ही बात है तो भाजपा शासनकाल में नियुक्ति घोटाला, भूमि लूट की घटनाओं को राज्य की जनता भूल नहीं पाई है. और यही कारण है लगातार दो बार भाजपा को सत्ता से बेदखल रखने का जनादेश दिया है झारखंडवासियों ने.
भाजपा के नेताओं को पहले अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए. जनता को अब भाषण नहीं, काम चाहिए और हेमंत सरकार उसी दिशा में लगातार काम कर रही है. झामुमो ने स्पष्ट किया कि सरकार जनता के बीच है और हर सवाल का जवाब मैदान में दे रही है. भाजपा चाहे जितने प्रदर्शन कर ले, राज्य की जनता अब उनके छलावे में नहीं आने वाली. जनता जानती है कि असली जनसेवा कौन कर रहा है और झूठा हो-हल्ला कौन मचा रहा है.