न्यूज11 भारत
रांची: मेघालय और नागालैंड में सुबह से मतदान जारी है. अपनी किस्मत को आजमाने इन दोनों राज्यों में कुल 552 उम्मीदवार मैदान में हैं. बता दें दोनों राज्यों की 118 सीटों (59+59) पर आज वोट डाले जाएंगे.
दोनों राज्यों में सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा. वहीं इस चुनाव के नतीजे दो मार्च को सामने आएंगे. बात करें वोटरों की तो नागालैंड में 13 लाख से अधिक मतदाता हैं.
वोटरों में 6,47,523 पुरुष और 6,49,876 महिला मतदाता शामिल हैं, जो 2,291 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं. बात करें विधानसभा सीटों की तों 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों के लिए चार महिलाओं एवं 19 निर्दलीय समेत 183 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. वहीं, मेघालय में कुल 3,419 मतदान केंद्रों पर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
युनाव आयोंग ने इनमें से 640 को संवेदनशील, 323 मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील और 84 मतदान केंद्रों को अति जोखिम वाले केंद्र के तौर पर चिह्नित किया गया है. बता दें यहां कुल 369 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इधर चुनाव आयोंग ने भी सुरक्षा के पूरी इंतजाम किए हुए है किसी भी तरह की हिंसा और अप्रिय घटना को लेकर युरक्षा के व्यापक प्रबंध हैं इस मामले में बात करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी एफ आर खारकोंगोर ने कहा कि राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 119 कंपनियों को पूरे राज्य में चुनाव के लिए तैनात किया गया है.
साथ ही बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए 53 पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है जिनमें 20 आम पर्यवेक्षक, 21 व्यय पर्यवेक्षक और 12 पुलिस पर्यवेक्षक शामिल हैं.
बात करें उम्मीदवारों की तो जुन्हेबोटो जिले में आकुलुटो सीट से भाजपा प्रत्याशी और निर्वतमान विधायक काजहेटो किन्मी निर्विरोध जीत गए हैं. वहीं नागालैंड में सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) और भाजपा सीटों की साझेदारी के तहत क्रमश: 40 और 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. इधर 2003 राज्य में तक शासन करने वाली कांग्रेस ने 23 उम्मीदवार उतारे हैं.
वहीं बताते चलें कि एनडीपीपी ने 2018 में इस पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनायी थी उसे जनता दल यूनाइटेड और एक निर्दलीय प्रत्याशी का भी समर्थन मिला था. इसबार एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन इस चुनाव में दूसरे कार्यकाल के लिए जद्दोजहद कर रहा है. इधर मेघालय में सत्तारूढ़ NPP 57 सीटों चुनाव पर लड़ रही है. बता दें मेघालय विधानसभा में 60 सीटें हैं लेकिन ईस्ट खासी हिल्स जिले की सोहियोंग सीट पर चुनाव यूडीपी के उम्मीदवार एचडीआर लिंगदोह की मौत की वजह से उसे स्थगित कर दिया गया है.
सत्तारूढ़ एनपीपी ने 57 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. यहां कांग्रेस और भाजपा सभी सीटों पर लड़ रही है जबकि तृणमूल कांग्रेस ने 58 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीएफ) के 46 उम्मीदवार मैदान में हैं. वीपीपी 18 और एचएसडीनी 11 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.
बात करें मेघालय की पांच महत्वपूर्ण सीटों की तों इनमें है
साउथ टूरा : विधानसभा सीट वेस्ट गारो हिल्स के साउथ टूरा से मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने खुद की दावेदारी ठोकी है. वो एनपीपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कोनराड संगमा के खिलाफ कांग्रेस ने ब्रेनिएल्ड मारक, तृणमूल कांग्रेस ने रिचर्ड मृंग मारक, यूडीपी ने जॉन लेस्ली संगमा और भाजपा ने बर्नार्ड एन मारक को मैदान में उतारा है.
सुतंगा सैपुंग : आरक्षित विधानसभा सीट ईस्ट जयंतिया हिल्स की सुतंगा सैपुंग से इस बार मेघालय कांग्रेस के अध्यक्ष विन्सेंट पाला खुद मैदान में हैं. पाला के खिलाफ एनपीपी ने सांता मैरी शायला, यूडीपी ने शीतलंग पीला और भाजपा ने क्रिसन लैंगस्टैंग को अपना उम्मीदवार बनाया है.
सोंगसक : पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा मेघालय के ईस्ट गारो हिल्स जिले की सोंगसक विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. मुकुल तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. बता दें इस बार मेघालय में तृणमूल कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी है. मुकुल के खिलाफ एनपीपी ने दो बार के विधायक निहिम डी शिरा को मैदान में उतारा है. इसके अलावा कांग्रेस ने चैंपियन आर संगमा और भाजपा ने थॉमस एन मारक को टिकट दिया है.
वेस्ट शिलॉन्ग : मेघालय भाजपा के मुखिया अर्नेस्ट मावरी ईस्ट खासी हिल्स जिले की वेस्ट शिलॉन्ग विधानसभा सीट से खुद मैदान में हैं.बता दें अपने बयानों से अर्नेस्ट अभी राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले ही मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह बीफ खाते हैं. इधर मावरी के खिलाफ चुनाव में एनपीपी ने महेंद्रो रैपसांग, कांग्रेस ने बेथलीन धखर, तृणमूल कांग्रेस ने इवान मारिया को मैदान में उतारा है.
मैरंग : यूडीपी के नेता और मेघालय विधानसभा के अध्यक्ष मेटबाह लिंगदोह ईस्टर्न वेस्ट खासी हिल्स सीट सेचुनाव लड़ रहे हैं. बता दें इस सीट लिंगदोह के खिलाफ एनपीपी और तृणमूल कांग्रेस ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है. वहीं, कांग्रेस से बैट स्किम रिंथाथियांग और भाजपा से मार्क रिनाल्डी सॉकमी चुनाव लड़ रहे हैं.
वहीं बात करें नगालैंड की हॉट सीटों की तो इनमें
उत्तरी अंगामी द्वितीय : नगालैंड के मुख्यमंत्री और एनडीपीपी नेता नेफ्यू रियो कोहिमा जिले की उत्तरी अंगामी द्वितीय विधानसभा सीट से स्वयं मैदान में हैं. वहीं रियो के खिलाफ कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारा है . बता दें कांग्रेस के टिकट पर यहां से सेईविली चाचू चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर इन दोनों के अलावा कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं है.इस समीकरण से मतलब साफ है कि लड़ाई सीधी मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी के बीच है.
ट्युई : वहीं वोखा जिले की ट्युई विधानसभा सीट से सूबे के उपमुख्यमंत्री यानथुंगो पैटन चुनाव लड़ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं और भाजपा के टिकट पर ही मैदान में भी हैं. यानथुंगो पैटन के खिलाफ कुल चार प्रत्याशी मैदान में हैं. एक-एक जेडीयू और आरजेडी के प्रत्याशी हैं, जबकि एक निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में है.
फेक : फेक जिले की फेक विधानसभा सीट से नागा पीपल्स फ्रंट के नेता कुझोलुज़ो निएनु चुनाव लड़ रहे हैं. इनके खिलाफ एनडीपीपी ने कुबोटा खेसोह और कांग्रेस ने ज़चिल्हु रिंगा वदेओ को मैदान में उतारा है. इस सीट पर कुल तीन प्रत्याशियों ने ही नामांकन किया है.
अलोंगटाकी : इधर मोकोकचुंग जिले की अलोंगटाकी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तेमजेन इमना एलोंग चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर तेमजेन के खिलाफ केवल जेडीयू ने ही अपना प्रत्याशी उतारा है. जेडीयू की तरफ से जे लानू लोंगचर चुनाव लड़ रहे हैं. मतलब सीधी लड़ाई इन्हीं दोनों के बीच है.
पेरेन : इस सीट से नगालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री टी.आर. जेलियांग चुनाव लड़ रहे हैं . मालूम हो टी.आर. जेलियांग सूबे के 10वें मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं, इस सीट से तीन प्रत्याशी मैदान में हैं.
वहीं बात करें मुद्दों की तो मेघालय में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी जो सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है. इस कारण इस बार पार्टी को सत्ता विरोधी लहर से जूझना पड़ सकता है. वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास की कमी इस बार प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक है. सत्ता में रहकर जो भ्रष्टाचार के आरोप है उनका डर भी एनपीपी सरकार को सता रहे हैं.
साथ ही जयंतिया और खासी पहाड़ियों में अवैध कोयला खनन का मामला भी इस साल के चुनाव के नतीजों पर असर डाल सकता है. मेघालय चुनावों में एक और महत्वपूर्ण मुद्दा, ईसाई और गैर ईसाई है. खासकर खासी पहाड़ी क्षेत्रों में ये मुद्दा अहम है, एनपीपी ने विकास योजनाओं को मुद्दा बनाया है.इस बार वोट मांगते समय एनपीपी का कहना है कि पांच साल सरकार ने खूब विकास किया और उसी के बल पर वह वोट मांग रहे हैं. वहीं, अभी तक सरकार का हिस्सा रही भाजपा भी लोगों को केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं का हवाला दे रही है.