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गोड्डा/डेस्क: गोड्डा जिले में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) की ललमटिया कोयला खदान में ब्लास्टिंग से गांव के लोग काफी परेशान हैं. कोयला खदान में कंपनी द्वारा की जा रही हैवी ब्लास्टिंग से आए दिन घरों में दरारें आ रही है. इस वजह से पल-पल ग्रामीण डर के साये में रहने को मजबूर हैं, तस्वीर में आप सीधे तौर पर देख सकते हैं कि कैसे हैवी ब्लास्टिंग से घरों में दरारें आ गई हैं.
बता दें, कोयला खदान में हो रहे भारी ब्लास्टिंग से लोगों में दहशत का माहौल है. इस ब्लास्टिंग की वजह से लोगों के घरों में दरारें आ रही है. जिससे लोगों को अपने ही घरों में मौत का खतरा सता रहा है, जिससे इलाके के लोगों में काफी आक्रोश है. भारी ब्लास्टिंग से ललमटिया के लोहंडिया बाजार और आसपास के ग्रामीण काफी दहशत में हैं. लोग इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं उनकी छत उनके सिर पर न गिर जाए. आपको जानकारी दें, कि यह फोटो ललमटिया के ईसीएल कोयला परियोजना से सटे इलाके लोहंडिया बाजार की है. यहां के ग्रामीणों में काफी गुस्सा है. उनका सभी का कहना है कि मकानों में दरारें आ गई हैं जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. उन्होंने कहा कि जब ब्लास्टिंग होती है तो बच्चे डर कर रोने लगते हैं.
सिलसिलेवार धमाके और उनसे पैदा होने वाली कंपन दिल को दहला देती है. यहां के लोगों का कहना है कि ईसीएल नियम-कायदों को नजरअंदाज कर अपनी मनमर्जी से हेवी ब्लास्टिंग करता है. भारी ब्लास्टिंग के चलते लोग अपने घरों में रहने से डर रहे है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ईसीएल नियम-कायदों की अनदेखी कर कोयला उत्खनन के लिए ब्लास्टिंग करता है. ईसीएल की कार्रवाई से लोग परेशान हैं. इस मुद्दे पर ग्रामीणों ने कहा कि इलाके के सांसद-विधायक और जिले के प्रशासनिक अधिकारी में मुहं पर ताला लगा रखा है.
जानें क्या कहते है ग्रामीण ?
इस मामले को लेकर वहा की स्थानीय निवासी आशा देवी ने बताया कि यहां रोजाना दोपहर दो से ढाई बजे के आसपास हेवी और सीरियल ब्लास्टिंग के कारण घर में सो रहे लोग जाग कर बैठ जाते हैं. क्योंकि घर के साथ-साथ बिस्तर भी हिलने-डोलने लगता है. वही इस मामले पर दूसरी महिला कंचन देवी ने बताया कि इतनी जोर से ब्लास्टिंग की जाती है कि इस हैवी ब्लास्टिंग से लोगों का जीना मौहाल हो गया है. इस हैवी धमाके की वजह से घर में रैक पर रखे हुए कई सामान भी नीचे लुढ़क जाता है. एक दिन मेरी बेटी के घर की दीवार गिर गयी थी. माथा नहीं फूटा, केवल चोट का निशान रह गया और अस्पताल में इलाज कराया गया.
नीरज कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रतिदिन 10 से 11 बार हैवी ब्लास्टिंग की जाती है. घर में रहने वाले लोग डर जाते हैं. उन्होंने कहा कि ईसीएल इस गांव में क्या देता है, हमारी बुनियादी सुविधाएं भी छीन ली गयी है. अब हम हर दिन हैवी ब्लास्टिंग क्यों बर्दाश्त करें? नए मकानों में भी दीवारों में दरारें आने लगी है. अब यहां के लोग अपने ही घर में रहने से डरने लगे हैं. ईसीएल की हैवी ब्लास्टिंग से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.