अरुण कुमार यादव/न्यूज11 भारत
गढ़वा/डेस्कः- गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड अंतर्गत ओखरगाड़ा को प्रखंड का दर्जा देने की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने पूर्व मंत्री सह झामुमो के केंद्रीय महासचिव मिथिलेश कुमार ठाकुर को मुख्यमंत्री के नाम से एक मांगपत्र सौंपा. ग्रामीणों का कहना है कि ओखरगाड़ा क्षेत्र में आबादी लगातार बढ़ रही है और ग्रामीणों को प्रखंड सह अंचल कार्यालय में प्रतिदिन विकास योजनाओं सहित जमीन के मामलों को लेकर आना-जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि ओखरगाड़ा से मेराल प्रखंड मुख्यालय की दूरी काफी अधिक है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में भारी परेशानी होती है. यहां के गरीब-असहाय पैसे के अभाव में प्रखंड मुख्यालय आने-जाने में परेशानी महसूस करते हैं. विशेष परिस्थिति होने पर प्रखंड सह अंचल पदाधिकारी का इन जगहों पर पहुंचने में भी काफी समय लगता है. ग्रामीणों की मांग है कि 20 पंचायत वाले मेराल प्रखंड में से 6 पंचायत बिकताम, ओखरगाड़ा पूर्वी, ओखरगाड़ा पश्चिमी, खोरिडीह, चेचरिया और अरंगी को मिलाकर एक नया प्रखंड का दर्जा दिया जाए. जब 2011 के जनसंख्या के अनुसार आबादी 35000 थी उस समय भी लोगों के द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 2013 में मांग पत्र देकर ओखरगाड़ा को प्रखंड बनाने की मांग की गई थी. आज आबादी लगभग 50000 पहुंच गई है. ऐसे में ओखरगाड़ा को नया प्रखंड घोषित किया जाना जरूरी है.
वहीं मौके पर पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने ग्रामीणों की मांग को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष पहले भी रखे हैं और सरकार से सकारात्मक पहल की मांग किया गया था. पुनः ग्रामीण के मांगों को मजबूती से मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि झामुमो हमेशा से ग्रामीणों की आवाज को बुलंद करता रहा है और भविष्य में भी जनता के हक के लिए संघर्ष करता रहेगा.ग्रामीणों की इस पहल से क्षेत्र में नई उम्मीदें जगी हैं.मौके पर ओखरगाड़ा प्रखंड नवनिर्माण संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष रामसागर उरांव, बबलू कुमार तिवारी, मुखिया रवींद्र कुमार गुप्ता, जमालुद्दीन अंसारी, काशीराम, मुखिया धर्मराज राम, उप प्रमुख निजामुद्दीन खान, बिकताम मुखिया सुरेश राम, पंचायत समिति सदस्य विनोद पासवान, उपेंद्र चंद्रवंशी, अवधेश कुमार पासवान, राम प्रवेश सिंह, सद्दाम हुसैन, संजय राम, शोएब खान, दिलीप कुमार सिंह, राजाराम, मिन्हाज आलम सहित सैकड़ो ग्रामीण मौजूद थे.