प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
चतरा/डेस्क: लावालौंग प्रखंड मुख्यालय से शुरू होने वाले लावालौंग पांकी मुख्य सड़क वन विभाग की लापरवाही के कारण बद से बदतर हो गई है. उक्त विषय से आक्रोशित ग्रामीणों एवं राहगीरों नें मुख्य सड़क पर ही धान की रोपाई कर दी. वही कर्बला के समीप कीचड़ में तब्दील सड़क पर ही सैकड़ो ग्रामीणों नें धरना दे दिया. उक्त विषय को लेकर आक्रोशित जागेश्वर महतो एवं सुबोध कुमार नें कहा कि वन विभाग एवं इसके वरीय पदाधिकारियों के रवैये के कारण लावालौंग में सैकड़ो विकास कार्य बाधित हैं.
अगर वन विभाग के पदाधिकारियों को लगता है कि लावालौंग के जंगल में जंगली जीव बचे हैं तो उनका वे सर्वे कराए और पूर्ण रूप से लावालौंग को पर्यटन के रूप में तब्दील करें और अगर कहीं जंगली जीवों का नामो निशान तक नहीं है तो फिर विकास कार्यों में बाधक बनना बंद करें. इधर रिमी मुखिया के पुत्र विकास कुमार नें भी मोरम की जगह मिट्टी डालकर सड़क की स्थिति और भी जर्जर बनाने को लेकर वन विभाग के रेंजर को खरी खोटी सुनाई. ग्रामीणों नें कहा कि हम जंगली पशु नहीं बल्कि इंसान है हमें भी मूलभूत सुविधाएं चाहिए.
धरना की सूचना पाकर बीडीओ विपिन कुमार भारती नें स्थल पर पहुंचकर पहले तो वन विभाग के कार्यशैली पर कड़ा रोष प्रकट किया. फिर लोगों को आश्वासन दिया कि कल इस कीचड़ में क्रशर चूर्ण या डस्ट भरवारा जाएगा. ताकि लोगों को परेशानी ना हो. उन्होंने बताया कि 15 दिनों पूर्व ही हमने पथरीला मोरम भरवाने के लिए प्रतिनिधियों के साथ बैठक किया था. जैसे ही वर्षा थमता भराई का काम शुरू होता. परंतु वन विभाग के द्वारा बिना कोई सूचना के मिट्टी भरकर सड़क को बर्बाद कर दिया गया. ग्रामीणों नें कहा कि आज तक नेता मंत्री सिर्फ हमें ठगने का कार्य करते आए हैं. उनके बड़े-बड़े वादे लावालौंग के लिए आज तक खोखले ही साबित हुए हैं.