के० एन० यादव/न्यूज़ 11 भारत
दुमका/डेस्क:मसलिया प्रखंड के बलियाजोर पंचायत के चांदना गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के पंचम रात्रि को कथावाचक नितिन देव महाराज ने स्रोताओं से कहा कि प्रेम करना हो तो भगवान से भगवान की कथा से भगवान के चरणों से करें. इस माया मोह संसार से उतना ही मन लगाएं कि जब संसार छूटे तो दुःख न रह जाए. जितने दिन इस संसार में रहें कमल फूल की भांति रहें. कमल कीचड़ पानी में रहते हुए भी उससे लिप्त नहीं रहता हमेशा ऊपर रहता है इसी प्रकार इस संसार को नहीं छोड़ना है लेकिन सांसारिक जीवन को भोगते हुए भगवान की शरण में रहें. आगे कथा में राजा बली व बामन भगवान के प्रसंग को सुनाकर कहा कि मनुष्य को बली जैसा जुबान का पक्का होना चाहिए. आज के समय में लोग क्षण क्षण में अपनी बात को बदलते रहते हैं. छोटे से बामन के वेश धारण कर आये भगवान ने महादानी बली से मात्र तीन पग भूमि दान में मांगा तो उन्होंने हामी भर कर संकल्प कर दिया. भगवान बामन से विराट रूप में आकर दो पग से समस्त विश्व को नाप लिया. पहला पग आसमान की ओर बढ़ाकर सात लोक भू,भुव:,स्व:,मह, जन, तप और सत्य को नाप लिया. वहीं दूसरे पग से नीचे के सात लोक अतल,वितल,सूतल,तलातल महातल, रसातल व पाताल को नाप कर कहा कि और एक पग का जगह तुम्हारे पास नहीं है बली इसलिए वरुण पास में बंध जाओ. इसी बीच बली राजा की पत्नी विंध्यावली दौड़ी हुई आयी और हाथ जोड़कर भगवान से विनती करते हुए कहा कि प्रभु धन से बड़ा धनवान होता है अभी तो केवल धन नपा है धनवान बाकी है प्रभु इसलिए तीसरा पग बली के मस्तक पर धर कर कृतार्थ करें. भगवान ने बली के सिर पर चरण रखकर तीसरा पग को पूरा कर कहा कि बली तुम सावर्णि मन्वंतर में तुम इंद्र बनोगो. जब तक तुम वहां का इंद्र नहीं बन जाते तब तक सूतल लोक का राजा बनना और तुम्हारा द्वार पाल हम बन कर खड़े रहेंगे. भगवान बली का दरबान बन गए थे. आज भी भगवान के जो सच्चे भक्त होते हैं उनको भगवान कहीं न कहीं से किसी न किसी रूप में अवश्य दर्शन देकर सहारा देते हैं. जो भगवान का भक्त होता है वह कभी नहीं हारता . बसर्ते एक बार भगवान का हम बन के देखें. जिस दिन हम भगवान का बन गए उस दिन सारी समस्या खत्म समझो. आगामी कथा में बारह अवतारों की कथा समेत अन्य लीलाओं के बारे में कथा श्रवण कराएंगे. कथा श्रवण में चांदना समेत बाबूपुर, निपनिया, दलाही, सांपचला, हिरलजोडी, मधुबन, खरना, केन्द्रघटा, भंगाहिड़ आदि गांवों के लोग सायं को पहुंच रहे हैं.