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रांची/डेस्क: इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया हैं. यह कदम जस्टिस वर्मा को पद से हटाने के लिए लाए गए महाभियोग प्रस्ताव के बाद उठाया गया है, जिस पर 146 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं. यह कमेटी आरोपों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंपेगी.
जांच कमेटी में कौन-कौन शामिल हैं?
इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और वरिष्ठ वकील बी.वी. आचार्य शामिल हैं. यह टीम जस्टिस वर्मा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की गहराई से जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंपेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
महाभियोग प्रस्ताव की शुरुआत
जस्टिस वर्मा को पद से हटाने के लिए यह प्रस्ताव बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद और विपक्ष के नेता समेत कुल 146 सदस्यों के हस्ताक्षरों के साथ लोकसभा स्पीकर को सौंपा गया था. यह प्रस्ताव तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना द्वारा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजी गई सिफारिशों पर आधारित हैं. जुलाई में इस मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा भी हुई थी. लोकसभा स्पीकर ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी को जल्द से जल्द काम शुरू करने का निर्देश दिया हैं.