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रांची/डेस्क: जीएसटी में फर्जीवाड़ा करना और जीएसटी डाटा चुराना अब आसान नहीं होगा. 2025 के अप्रैल महीने के शुरुआत से यानी 1 अप्रैल से सभी यूजर्स जो जीएसटी में पंजीकृत है, उनके लिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) नियम लागू होने जा रहा है. इसके लागू हो जाने के बाद जीएसटी में किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा करना और जीएसटी इस्तेमाल करने वाले किसी अन्य यूजर के डाटा को चुराना आसान नहीं होगा.
बिना OTP के नहीं कर पाएंगे लॉग-इन
मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) के तहत यूजर बिना OTP के लॉग-इन नहीं कर पाएंगे. ऐसे में सभी यूजर को इस महीने के अंदर जीएसटी पोर्टल पर अपना नंबर अपडेट कर लेना चाहिए, ताकि आपको OTP प्राप्त करने में कोई दिक्कत ना आए.
1 अप्रैल से सभी यूजर के लिए अनिवार्य
इस साल एक जनवरी से प्रयोगात्मक तौर पर जिसका टर्नओवर 20 करोड़ से अधिक है, उन सभी के लिए एमएफए को लागू किया गया है. वहीं 1 फरवरी से पांच करोड़ टर्नओवर वालों के लिए यह अनिवार्य किया गया है. ऐसे में अब एक अप्रैल से सभी यूजर के लिए इसे अनिवार्य किया जा रहा है.
कारोबारियों के लिए आया नया अपडेट
अप्रैल के पहले दिन यानी 1 अप्रैल से ई-वे बिल के नियम में बदलाव होंगे. 10 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों को 1 अप्रैल से 30 दिनों के अंदर इनवॉइस रजिस्ट्रेशन पोर्टल (आईआरपी) में अपने ई-इनवायस की जानकारी देना अनिवार्य होगा. ऐसे में अगर इसका पालन नहीं किया जाए तो इनवॉइस खारिज हो जाएगा. फिलहाल यह नियन 100 करोड़ और उससे अधिक टर्नओवर वालों पर लागू किया गया है.
रेस्टोरेंट और होटल का खाना हो सकता महंगा
1 अप्रैल से रेस्टोरेंट और होटलों का खाना महंगा हो सकता है. ऐसे में जो रूम 7500 रुपए से कम किराए वाले होटल के लिए 18 % GST के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेने की सुविधा उपलब्ध होगी.
फिलहाल जिन होटलों में रूम का किराया 7500 रुपए से कम है, तो उन होटलों के रेस्टोरेंट में खाना खाने पर 5% GST लगता था. अगर यह होटल 18 % GST के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की सुविधा पाते है तो यहां का कहना महंगा हो जाएगा. आने वाले 1 अप्रैल से इलेक्ट्रिक एवं पुरानी सामान्य कार की बिक्री पर 12% के बजाय 18% GST लगेगा.