प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:- विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग अपने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम 2025-29 के नामांकन में कुल 31738 नामांकन के साथ राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान पर है. यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के नामांकन कोषांग तथा चांसलर पोर्टल के नोडल पदाधिकारी डॉ इंद्रजीत कुमार ने बताया कि 24597 नामांकन के साथ रांची विश्वविद्यालय, रांची दूसरे स्थान पर है. वहीं 24238 नामांकन के साथ सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका तीसरे स्थान पर है.
डॉ इंद्रजीत कुमार ने बताया कि यह आंकड़ा विभावि में द्वितीय मेधा सूची के आधार पर 4 अगस्त तक लिए गए नामांकन का है. राज्य में अव्वल होने के बावजूद डॉ कुमार ने बताया कि वह इस संख्या से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य है 50000 नामांकन का और विश्वविद्यालय निरंतर उस लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रयासरत है.
इस संबंध में डॉ इंद्रजीत कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो चंद्र भूषण शर्मा के मार्गदर्शन से यह संभव हुआ है. उन्होंने अपने सभी सहयोगी अधिकारियों तथा महाविद्यालयों के प्राचार्यगण के सहयोग के प्रति आभार जताया. इस कार्य में नामांकन कोषांग में कार्यरत सहायक दीपू की कार्य क्षमता एवं कंप्यूटर दक्षता की उन्होंने विशेष प्रशंसा की.
डॉ इंद्रजीत कुमार ने विशेष कर मीडिया के प्रति आभार व्यक्त करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय को अव्वल स्थान दिलाने में हजारीबाग के मीडिया का शानदार कवरेज का महत्वपूर्ण योगदान है.
हालांकि नामांकन के नोडल पदाधिकारी ने सरकारी विश्वविद्यालयों में नामांकन की कुल संख्या में लगातार हो रही कमी पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने बताया कि इस विषय को लेकर वह काफी अध्ययन कर रहे हैं. बताया कि इसके पीछे कई कारण हैं लेकिन मुख्य कारण है 'प्रयत्नलाघव' . उन्होंने बताया है कि कुछ विद्यार्थियों में यह प्रवृत्ति देखने को मिल रही है कि वह महंगे फीस पर भी कुछ ऐसे संस्थानों में नामांकन करने को प्राथमिकता दे रहे हैं जहां उन्हें नियमित कक्षा में उपस्थित होने की बाध्यता नहीं होती. हैरानी इस बात की है कि उन्हें ऐसे संस्थानों से अच्छे अंक भी मिल जाते हैं. यह अलग बात है कि ऐसे विद्यार्थियों को अवधारणा और विषय का ज्ञान नहीं हो पाता और प्रतिस्पर्धा के मौजूदा दौर में वह अंततः पिछड़ ही जाते हैं.