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रांची/डेस्क: अगर आप भी फ्लाइट में सफर करते वक्त सोचते हो कि कौन सी सीट सुरक्षित है, उसी में आप बैठेंगे, तो आपके लिए यह जानना बेहद जरुरी है और आपको यह जानकर काफी हैरानी भी होगी कि एयरलाइन्स कंपनियां अब इस सुरक्षित सीट को महंगे विकल्प के तौर पर बेचने की तैयारी कर रहा हैं. बीते दिनों अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश की रिपोर्ट और उससे जुड़े सोशल मिडिया पोस्ट ने इस मामले को चर्चा का विषय बना दिया हैं. बता दें कि कई सोशल मिडिया पोस्ट्स में यह दावा भी किया गया था की अब एयर इंडिया अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश के बाद अब इस सीट की कीमत बढ़ जाएगी और प्लेन में यह सबसे महंगी सीट बन जाएगी? आईए बताते है इन सब बातों की असली सच्चाई.
इसी सीट पर 2 हादसे में बैठने वालों की बची जान
दरह्सल, अहमदाबाद में हुई प्लेन क्रैश हादसे में सीट नंबर 11A पर बैठे एक यात्री की जान बच गई, हालांकि विमान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. 11A सीट विंग के पास वाली ओवरविंग सीट थी, जिसे एविएशन इंडस्ट्री में आमतौर पर 'स्ट्रक्चरल स्ट्रॉन्ग’ मतलब संरचनात्मक रूप से मजबूत माना जाता हैं.
सिर्फ यहीं नहीं 11 दिसंबर, 1998 को थाई अभिनेता और गायक 20 वर्षीय रूआंगसाक लॉयचुसाक ने मात दे दी थी मौत को, जब थाई एअरवेज फ्लाइट TG261 दक्षिण थाईलैंड में लैंडिंग के दौरान एक दलदल में क्रैश लैंडिंग की थी. इस हादसे में विमान में सवार 146 लोगों में से 101 की जान चली गई थी. रूआंगसाक उसी विमान की सीट 11 A पर बैठे थे, और आज 47 वर्ष के होने के बाद उनका कहना है कि उन्होंने एक रहस्मयी संयोग देखा है.
सबसे सुरक्षित सीट
इस घटना के बाद से यात्रियों में ऐसी सीटों को लेकर जागरूकता और रूचि दोनों बढ़ी हैं. सबसे खास बात यह है कि कई अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों और क्रैश विश्लेषण रिपोर्टस में भी यह बात सामने आई है कि प्लेन के पिछले हिस्से या विंग के ऊपर की सीटें तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित मानी जाती हैं.
ओवरविंग सीट ही सबसे सुरक्षित क्यों?
- एयरक्राफ्ट की संरचना में यह हिस्सा सबसे मजबूत होता हैं क्योंकि पंखों से जुदा होता हैं.
- रेस्क्यू की संभावना सबसे अधिक होती है, क्योंकि यह यह इमरजेंसी एग्जिट के पास होता हैं.
- इन सीटों में लेग स्पेस एक्स्ट्रा होता है, जो आपको आराम देता है और इसके साथ ही आपको फुर्ती से बाहर निकलने में मदद करता हैं.
इन सीटों की कीमत में क्यों होगी बढ़ोतरी?
फ्लाइट में जहां पैसेंजर्स पहले से ही लेग स्पेस और विंडो सीट के लिए एक्स्ट्रा चार्ज लिया जाता है, एविएशन कंपनियां अब "सेफ्टी वैल्यू" को एक नया चार्जिंग प्वाइंट बना सकती हैं. एयरलाइन्स कंपनियों के कमाने का अब नया जरिया बन सकता हैं. यात्री जो जानबुझकर सुरक्षित माने जाने वाले सीटों को चुनते है, उनसे अब अतिरिक्त शुल्क वसूलना एयरलाइन्स कंपनियों को काफी फायदे पहुंचा सकता हैं.