राहुल कुमार/न्यूज11भारत
चंदवा/डेस्क: महुआमिलान श्रमिक सहकारी सहयोग समिति लिमिटेड जमीरा के बैनर तले गुरुवार को एस्सार प्लांट से विस्थापित एवं प्रभावित गांव के रैयतों ने अनगड़ा स्थित एस्सार प्लांट परिसर के समीप एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया, जिसकी अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष बैजू मुंडा ने की. प्रदर्शन के दौरान विस्थापित एवं प्रभावित ग्रामीणों ने एस्सार पावर लिमिटेड को (प्रोजेक्ट ऑन गोइंग प्रोसेस) यथावत स्थिति में टेक ओवर करने वाली कंपनी उड़ीसा एलॉय स्टील प्राइवेट लिमिटेड पर विस्थापित एवं प्रभावितों को दरकिनार कर हक मारी करने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. धरना के उपरांत प्लांट परिसर में तख्ती लेकर पदयात्रा भी निकाली गई.
धरना प्रदर्शन को इन्होने किया संबोधित
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष बैजू मुंडा, सजीव कुमार, अरुण ठाकुर, चंद्रदीप गंझू व अन्य वक्ताओं ने कहा कि हम सभी ग्रामीण विकास के पक्षधर हैं, क्षेत्र में प्लांट स्थापित हो, विकास हो, लेकिन इसमें हम ग्रामीणों की हकमारी न हो. वर्ष 2007-08 में अनगड़ा में 1200 मेगा वाट का बिजली प्लांट स्थापित करने को लेकर एस्सार पावर झारखंड कंपनी ने रैयतों ने 524 एकड़ भूमि 22 बिंदुओं पर एकरारनाम के साथ लिया था. उस समय हम सभी को झांसा दिया था कि विस्थापन एवं पुनर्वास नीति का पालन किया जाएगा, लेकिन किसी कारणवश कंपनी 2012 में बंद हो गई, जिसके बाद एनसीएलटी कोर्ट के द्वारा प्लांट को दिवालिया घोषित कर 2020 से चल रहे परिसमापन प्रक्रिया में अंतिम में इस कंपनी को कॉरपोरेट गोइंग ऑन कंसर्न बेसिस पर सफल बोलीदाता के रूप में उड़ीसा एलॉय प्राइवेट लिमिट (रश्मि मेटेलिक) को हैंड ओवर कर दिया गया है. कंपनी न ही विस्थापन व पुर्नावास नीति का पालन कर रही है और न ही ग्राम सभा के माध्यम से आना चाह रही है. लेकिन हम सभी प्रबंधन को यह बता देना चाहते है कि समिति किसी भी कीमत पर विस्थापित एवं प्रभावित लोगों के हक एवं अधिकारों का हनन होने नहीं देगी. समिति आंदोलन को तेज करते हुए भूख हड़ताल व सत्याग्रह करने को बाध्य होगी. धरना प्रदर्शन में चंद्रदीप कुमार, मैनेजर उरांव, मनजीत गंझू, प्रमोद गंझू, कामेश्वर गंझू, अरुण ठाकुर, बैजू मुंडा, प्रभु तुरी, प्रकाश प्रजापति, मंजू देवी, किरण देवी, सुबास देवी, पूनम देवी समेत अनगड़ा, चतरो, अर्धे, लोहसिंगना, महुआ मिलान, रक्सी, पिपराही, तूपी समेत कई गांव के लोग मौजूद थे.