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पटना/डेस्क: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बिहार की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है. उन्होंने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए घोषणा की कि वे अब VVIP के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे. यह गठबंधन पटना के मौर्य होटल में औपचारिक रूप से घोषित किया गया.
इस नई राजनीतिक साझेदारी के तहत तेज प्रताप और VVIP पार्टी मिलकर बिहार विधानसभा की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे. VVIP पार्टी का नेतृत्व प्रदीप निषाद कर रहे हैं, जिन्होंने वीआईपी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी से अलग होकर यह नई पार्टी बनाई है.
तेज प्रताप की नई राजनीतिक दिशा
गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले तेज प्रताप यादव पारिवारिक विवादों और अनुष्का मामले को लेकर राजद और अपने परिवार से दूरी बना चुके हैं. इसके बाद उन्होंने ‘टीम तेज प्रताप’ नाम से अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनाई थी. लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे किस राजनीतिक दिशा में आगे बढ़ेंगे. मंगलवार की इस घोषणा ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया.
तेज प्रताप ने अपने बयानों में स्पष्ट किया कि वे अब किसी पद या सत्ता के लालच में नहीं हैं, बल्कि सामाजिक न्याय और जनता के समर्थन के बल पर आगे बढ़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मुझे न पद का लोभ है और न ही सत्ता की भूख. हम यादव और मुस्लिम समुदाय को साथ लेकर चलेंगे. राजद अगर इस गठबंधन से जुड़ना चाहे तो उसका स्वागत है, लेकिन जो तेजस्वी के साथ साजिश कर रहे हैं, उनका पर्दाफाश जल्द होगा."
राजद और कांग्रेस को भी दिया था न्योता
तेज प्रताप ने कुछ दिन पहले अपनी पार्टी के मंच से राजद और कांग्रेस जैसे दलों को भी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया था. उन्होंने खुद को “निर्दलीय विचारधारा” से प्रेरित बताया और कहा कि जनता का समर्थन ही उनकी असली ताकत है.
राजनीतिक गलियारों में हलचल
जैसे ही तेज प्रताप की गठबंधन की घोषणा सामने आई, पटना के राजनीतिक गलियारों में इस खबर ने जोर पकड़ लिया. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका नया गठबंधन बिहार की राजनीति में कितना प्रभाव डालता है और राजद पर इसका क्या असर पड़ता है.