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रांची/डेस्क: गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा, गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम: अर्थात गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शिव शंकर हैं. गुरु ही साक्षात परब्रह्म है और ऐसे गुरु को हम प्रणाम करते हैं. घर से निकल कर जब हम बात करें स्कूल की तो शिक्षक ही हमारे दूसरे माता-पिता माने जानते हैं. गुरु किसी भी बच्चे को केवल विभिन्न विषयों का ज्ञान ही नहीं देते बल्कि उनकी ताकत और कमजोरियों को पहचानने में भी मदद करते है, जिससे वह एक बेहतर इंसान बन सकें.
क्यूं मनाया जाता है शिक्षक दिवस?
शिक्षक दिवस भारत के प्रथम Vice President और दूसरे President Dr. Sarvepalli Radhakrishnan के जन्मदिन पर मनाया जाता हैं. वह एक महान दार्शनिक और विद्वान व्यक्ति थे. उन्होंने कई संस्थानों में प्रोफेसर के रूप में भी कार्य किया है और उन्होंने ही लोगों से यह अनुरोध किया था कि सारे लोग किसी एक दिन को सारे शिक्षकों को समर्पित करें. जिसके बाद पहली बार राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 सितंबर, 1962 को मनाया गया था.
क्या है शिक्षक दिवस का महत्व?
शिक्षक दिवस का यह महत्व है कि भारतीय संस्कृति गुरु और शिष्य के रिश्ते को बहुत ज्यादा महत्व देती हैं. यह दिन न केवल Dr. Sarvepalli Radhakrishnan की जयंती का उत्सव है बल्कि यह तमाम शिक्षकों की लगन और कड़ी मेहनत का भी सम्मान करने का दिन हैं.