देश-विदेशPosted at: सितम्बर 01, 2025 सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष के वोटर अधिकार यात्रा की निकाल दी दवा, नहीं बढ़ेगी SIR की तारीख
विपक्षी दलों ने SIR प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का किया था अनुरोध

न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: बिहार में चुनाव आयोग और केन्द्र सरकार की हवा निकालने के लिए वोटर अधिकार रैली निकालने और आज ही पटना के गांधी मैदान में महा रैली करने वाले विपक्ष की हवा सुप्रीम कोर्ट ने निकाल दी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कह दिया कि मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण (SIR) की तिथि नहीं बढ़ायी जायेगी. सुप्रीम कोर्ट ने बस इतनी राहत दी है कि नामांकन तक जो भी आपत्तियां और दावे चुनाव आयोग के पास आयेंगे, उन्हें आयोग को स्वीकार करना पड़ेगा. बता दें कि रविवार को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस वार्ता कर दावा किया था कि चुनाव आयोग 89 लाख दावों पर कोई एक्शन नहीं ले रहा है. पवन खेड़ा ने यह बखेड़ा खड़ा कर एसआईआर की तिथि को आगे बढ़ाने का आग्रह किया था, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य आगे नहीं बढ़ेगा, क्योंकि अब चुनाव आयोग बिहार के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने वाला है. अगर 2020 के बिहार विधानसभा की बात करें तो पिछली बार चुनाव आयोग ने 25 सितम्बर, 2020 को चुनाव तिथियों की घोषणा करके आदर्श आचार संहिता लागू कर दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से कहा कि 1 सितंबर की समय सीमा के बाद दावे-आपत्तियां या सुधार जारी रखा जाये और नामावली को अंतिम रूप दिए जाने के बाद भी उन पर विचार किया जाए. यह प्रक्रिया बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के नामांकन की अंतिम तिथि तक जारी रहेगी. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जयमाल्या बागची की पीठ में एसआईआर प्रक्रिया को लेकर सुनवाई हुई. विपक्षी दलों ने 65 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने का मुद्दा उठाकर एसआईआर प्रक्रिया 2 हफ्ते बढ़ाने की अपील की थी.