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रांची/डेस्क: न्याय की मांग आंदोलन कर रहे छात्रों का आरोप है कि पिछले दिनों अलग -लग मुद्दों पर आवाज उठाना महंगा पड़ा हैं. छात्रों का आरोप है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (CUJ) में 10 छात्रों को केवल इसलिए रजिस्ट्रेशन डेनियल कर दिया गया क्योंकि उन्होंने कॉलेज प्रशासन से न्याय की मांग की थी. यह घटना 25 अप्रैल, 2025 को तब सामने आई जब छात्रों ने तीन बेहद गंभीर मुद्दों पर विश्वविद्यालय प्रशासन से सवाल पूछे अब जवाब में मिला अन्याय, धमकी और रस्टिकेशन मिला हैं. पिछले दिनों कॉलेज के छात्रों ने कई मुद्दों को लेकर आवाज उठाई थी. जिसमें घायल छात्र को परीक्षा से वंचित करना के मुद्दे शामिल थे. साथ ही एक छात्र विश्वविद्यालय की लापरवाही के चलते दुर्घटना में घायल हुआ. वह कक्षाएं अटेंड नहीं कर सका और दुख की बात है कि उसे परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई.
आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्र पर मानसिक दबाव: दूसरे छात्र की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी, वह फीस नहीं भर पाया. प्रशासन ने कोई राहत नहीं दी, उल्टा उसके दोस्तों को प्रताड़ित किया गया. छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठाना: छात्रों ने गर्ल्स हॉस्टल के बाहर असामाजिक गतिविधियों को लेकर सवाल उठाया. इसके बाद भी उन्हें सुरक्षा के जवाब नहीं मिले, उल्टा उन्हीं को रेस्टिगेट कर दिया गया.
इन मुद्दों को उठाने के बाद कॉलेज प्रशासन ने इन सवालों को बताया "अराजकता" और रजिस्ट्रेशन डेनियल का आदेश जारी कर दिया. 10 छात्रों को विश्वविद्यालय से बाहर कर दिया गया. इन छात्रों को न केवल कक्षाओं से बाहर कर दिया गया, बल्कि उनकी परीक्षा देने का भी अधिकार छीन लिया गया — जो सीधा उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं.
हमारी मांगे:
1. सभी 10 छात्रों का रस्टिकेशन तत्काल निरस्त किया जाए.
2. घायल और आर्थिक रूप से पीड़ित छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए.
3. छात्रों की सुरक्षा संबंधी माँगों पर गंभीर कार्रवाई हो.
4. छात्र प्रतिनिधियों से संवाद सुनिश्चित हो.
यह सिर्फ 10 छात्रों की लड़ाई नहीं — यह हर उस छात्र की आवाज़ है जो न्याय की उम्मीद करता हैं. हम लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे.